द ब्लाट न्यूज़ । राष्ट्रीय राजधानी के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आइजीएनसीए) में शुक्रवार को पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रम के नए सत्र के लिए ओरिएन्टेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
ओरिएन्टेशन कार्यक्रम के दौरान कहा गया कि आईजीएनसीए द्वारा संचालित डिजिटल अभिलेखागार विश्व में ‘भरोसेमंद डिजिटल अभिलेखागारों’ में अपने तरह की पहली इकाई है। इस तरह का अन्य केंद्र अमेरिका का पब्लिशिंग कार्यालय है। अपनी स्थापना से लेकर अबतक इस केंद्र ने कई मुकाम हासिल किए हैं। ऐसी संस्था से प्राप्त किसी भी प्रकार का प्रशिक्षण बहुउपयोगी साबित हो सकता है। यही कारण है कि यहां 17 वर्ष से 72 वर्ष की उम्र के लोग प्रशिक्षण लेने आते हैं।
आईजीएनसीए के समवेत सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्र के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने प्रशिक्षणार्थियों को कहा कि केंद्र की पीजी डिप्लोमा सर्टिफिकेट बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह सिर्फ दिखाने के नहीं है बल्कि विशेष योग्यता प्राप्त करने के लिए हैं।
डॉ. जोशी ने कहा कि इस विशेषता के कारण ही यहां हर उम्र वर्ग के छात्र आते रहे हैं। कला केंद्र के डीन प्रो. प्रतापानन्द झा ने कहा कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र का डिजिटल अभिलेखागार अभिलेखन के क्षेत्र में आईएसओ सर्टिफिकेट प्राप्त दुनिया का पहला केंद्र है जबकि अमेरिका का पब्लिशिंग कार्यालय दूसरा केंद्र है।
केंद्र की निदेशक डॉ. प्रियंका मिश्रा, पुस्तकालय एवं सूचना विभाग के निदेशक और नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के निदेशक प्रो. रमेश चंद्र गौड़, कला केंद्र संरक्षण विभाग के अध्यक्ष प्रो. अचल पण्डया, भारत विद्या प्रयोजन विभाग के अध्यक्ष डॉ. ए. बी. शुक्ल,पाण्डुलिपि विज्ञान विभाग के डॉ. कीर्ति कांत शर्मा, कलानिधि विभाग के प्रोफेसर तथा केंद्र के शैक्षणिक प्रभारी डॉ. अरुण कुमार भारद्वाज एवं कला दर्शन की कार्यक्रम निदेशक सुप्रिया कंसल ने भी पाठ्यक्रमों के बारे में जानकारी दी।
गौरतलब है कि लिखित, मौखिक और दृश्यात्मक स्रोत सामग्री के संरक्षण, संवर्धन और विकास का काम करने वाली इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र ने अपने कार्यों में इनके लिए अगली पीढ़ी तैयार करने की भी जिम्मेदारी लेता है। जिसके लिए वह आठ क्षेत्रों, कल्चरल इनफारमैटिक्स, प्रीवेंटिव कंजरवेशन,डिजिटल लायब्रेरी एंड डाटा मैनेजमेंट, मैन्यूस्क्रिप्टोलॉजी एंड पालियोग्राफी, कल्चरल मैनेजमेंट, अप्लाइड म्यूजियोलॉजी,हिन्दू स्टडीज, इंडियन लिटरेचर में डिप्लोमा पाठ्यक्रम भी चलाता है।