द ब्लाट न्यूज़ । झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्होंने राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की और उनसे लाभ के पद के मामले में एक विधायक के तौर पर उनके बने रहने को लेकर राज्य में पिछले तीन सप्ताह से व्याप्त भ्रम को दूर करने का आग्रह किया।
सोरेन ने दावा किया कि विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस ‘अनिश्चितता के माहौल’ का इस्तेमाल विधायकों की खरीद फरोख्त की कोशिश करके लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार को अस्थिर करने के लिए कर रही है।
सोरेन ने एक पत्र में कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग के फैसले की एक प्रति प्रदान करें और जल्द से जल्द उचित सुनवाई का अवसर दें ताकि अनिश्चितता के माहौल को जल्द से जल्द दूर किया जा सके जो स्वस्थ लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।’’
लाभ के पद के एक मामले में सोरेन को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराने के अनुरोध वाली भाजपा की एक याचिका के बाद, निर्वाचन आयोग ने 25 अगस्त को राज्य के राज्यपाल को अपना फैसला भेजा, जिससे राज्य में राजनीतिक संकट पैदा हो गया।
हालांकि निर्वाचन आयोग के फैसले को अभी तक आधिकारिक रूप से घोषित नहीं किया गया है, लेकिन ऐसी अटकलें हैं कि निर्वाचन आयोग ने मुख्यमंत्री को एक विधायक के रूप में अयोग्य ठहराने की सिफारिश की है।