द ब्लाट । जर्मनी ने एड्स (एक्वायर्ड इम्यून डेफिसिएंसी सिंड्रोम), ट्यूबरक्लोसिस और मलेरिया से लड़ने के लिए वैश्विक कोष में अपने वित्तीय योगदान को 30 प्रतिशत तक बढ़ाने का फैसला किया है। इसकी जानकारी देश के आर्थिक सहयोग और विकास मंत्री स्वेंजा शुल्ज ने दी।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 और 2025 के बीच, देश फंड में 1.3 अरब यूरो (1.3 अरब डॉलर) का भुगतान करेगा। शुल्ज ने यह घोषणा नागरिक समाज संगठनों के एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में की।
शुल्ज ने कहा, हाल ही में महामारी के कारण दुनियाभर के देशों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
लॉकडाउन, मरीजों से भरे अस्पताल और बाधित सप्लाई चेन जैसी समस्याओं को तकरीबन सुलझा लिया गया है।
यह सम्मेलन 18 और 19 सितंबर को न्यूयॉर्क में ग्लोबल फंड रिप्लेनिशमेंट कॉन्फ्रेंस के लिए आयोजित किया जाता है। इसका उद्देश्य मौजूदा कार्यक्रमों को जारी रखने और उन्हें नए विकास के अनुकूल बनाने के लिए कम से कम 18 अरब डॉलर एकत्र करना है।
एचआईवी/एड्स पर संयुक्त राष्ट्र कार्यक्रम (यूएनएड्स) ने जर्मनी के इस कदम का स्वागत किया। यूएनएड्स ने एक बयान में कहा कि यह फंड के वित्तीय लक्ष्य तक पहुंचने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
संयुक्त राष्ट्र का लक्ष्य 2030 तक एड्स को एक सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरे के रूप में समाप्त करना है।