बच्चों व गर्भवती महिलाओं के आंगन तक पहुँचाई जा रही पोषण पोटली: जिला कार्यक्रम अधिकारी

लाभान्वित होंगे 4134 आंगनबाड़ी केन्द्रों के करीब 3.27 लाख लाभार्थी

कुशीनगर । उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में कोरोना लहर में छोटे बच्चों व गर्भवती महिलाओं को सुपोषित करने के लिए बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग का विशेष जोर है। इसके लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों के लाभार्थियों के आंगन तक पोषण पोटली पहुँचाने के लिए सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया गया है। व्यवस्था के मुताबिक 4134 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पंजीकृत कुल करीब 3.27 लाख लाभार्थी लाभांवित होंगे।

जिला कार्यक्रम अधिकारी एसके सिंह ने बताया कि भले ही इन दिनों कोरोना के केस कम हुए हैं, मगर अभी भी सतर्कता और सावधानी बहुत जरूरी है। कोरोना की तीसरी लहर आने से पहले बच्चों को सुपोषित कर उनमें प्रतिरोधक क्षमता विकसित करनी है। इसके लिए लाभार्थियों के आंगन तक पोषण पोटली पहुँचायी जा रही है ताकि वह केन्द्रों से मिलने वाली सामग्री से विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनवाकर सेवन कर सकें।

उन्होंने बताया कि जिले में पहले से सूचीबद्ध बच्चों व गर्भवती धात्री महिलाओं के अलावा प्रवासी बच्चे व महिलाएं भी आयी हैं। ऐसे में छह साल तक बच्चों व गर्भवती धात्री महिलाओं को दाल, तेल, गेहूं, चावल ( सूखा राशन) वितरित किया जा रहा है ! सभी प्रवासी गर्भवती, धात्री महिलाओं, सात माह से तीन साल तथा तीन साल से छह साल के बच्चों तथा स्कूल छोड़ चुकी किशोरियों और बच्चों को भी सामान वितरित करने की व्यवस्था बनाई जा रही है। ताकि कोरोना काल में लाभार्थियों को कोई परेशानी न होने पाये।

बीते माह वजन सप्ताह के तहत जिले की सभी 4134 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा बच्चों को वजन लिया गया है। वजन के दौरान लाल श्रेणी के बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि बच्चों को सुपोषित किया जा सके।

डीपीओ ने बताया की कोरोना से जंग जीतने के लिए शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बनी रहनी चाहिए। इसके लिए सभी लाभार्थी आंगनबाड़ी केन्द्रों से मिलने वाले सामग्री व से तरह-तरह के व्यंजन बनाकर सेवन करें।

लाभांवित लाभार्थियों का विवरण में छह माह से तीन साल के कुल पंजीकृत बच्चों की संख्या -1,67,186 ; तीन साल से छह साल तक पंजीकृत बच्चों की संख्या-98286; कुल पंजीकृत गर्भवती व धात्री महिलाओं की संख्या-61587 होंगे !

Check Also

बच्चों में अध्ययन, मनन, चिंतन की क्षमताओं को विकसित करने की आवश्यकता : जगमाेहन सिंह राजपूत

-पंडित मदन मोहन मालवीय सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के बड़े उदाहरण : रामबहादुर राय-मेवाड़ में 19वां साहित्यकार …