द ब्लाट न्यूज़ । विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत और 10 देशों के समूह आसियान के बीच हिन्द प्रशांत, आतंकवाद के खतरों से मुकाबला और यूक्रेन एवं म्यामां के घटनाक्रम जैसे मुद्दों पर वैचारिक समानता है और दोनों पक्षों के बीच सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों में डिजिटल, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि आदि शामिल हैं।
जयशंकर ने कंबोडिया की राजधानी नोम पेन्ह में आसियान मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद यह टिप्पणी की।
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) के, सम्पर्क परियोजनाओं, कोविड-19 से निपटने, साइबर सुरक्षा जैसे मुद्दों पर समान विचार हैं।
जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘नोम पेन्ह में भारत-आसियान विदेश मंत्रियों की बैठक सार्थक रही। सिंगापुर के विदेश मंत्री विवियन बाला और आसियान के अन्य सहयोगियों के साथ अच्छी चर्चा हुई।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हिन्दी प्रशांत, यूएनसीएलओएस, सम्पर्क, कोविड-19, साइबर सुरक्षा, यूक्रेन, म्यामां पर विचारों की समानता।’’
विदेश मंत्री ने डिजिटल, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, हरित विकास जैसे क्षेत्रों की पहचान ऐसे क्षेत्रों के रूप में की जो दोनों पक्ष के बीच गठजोड़ को आगे बढ़ा रहे हैं।
जयशंकर ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘डिजिटल, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, हरित विकास जैसे क्षेत्र हमारे गठजोड़ को आगे बढ़ायेंगे। एक्ट ईस्ट सतत रूप से बढ़ रहा है।’’
समझा जाता है कि भारत-आसियान विदेश मंत्रिस्तरीय वार्ता में हिन्द प्रशांत क्षेत्र के सम्पूर्ण घटनक्रम पर ध्यान केंद्रित किया गया और यूक्रेन संकट सहित भू राजनीतिक घटनाक्रम की पृष्ठभूमि में संबंधों को विस्तार देने के बारे में चर्चा की गई।
विदेश मंत्रियों ने दक्षिण चीन सागर की स्थिति पर भी चर्चा की जहां चीन की आक्रामकता काफी बढ़ गई है।
समझा जाता है कि बैठक में दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में समुद्र को लेकर संयुक्त राष्ट्र संधि (यूएनसीएलओएस) के सिद्धांतों के अनुपालन की जरूरत बतायी गयी।