द ब्लाट न्यूज़ । वर्ष 2002 में अपना परिचालन शुरू करने वाली दिल्ली मेट्रो ने अभी तक यूनिफाइड मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (यूएमटीए) का गठन नहीं किया है। इसी तरह, गुजरात (सूरत मेट्रो), मुंबई, जयपुर और गुरुग्राम (रैपिड मेट्रो) ने भी अभी तक यूएमटीए का गठन नहीं किया है। राज्य सरकारों को यूनिफाइड मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (यूएमटीए) को एक वैधानिक निकाय के रूप में गठित करने की आवश्यकता है, जो शहर के लिए व्यापक गतिशीलता योजना तैयार करने के लिए जिम्मेदार होगा।
एक संसदीय स्थायी समिति ने अपनी नाराजगी व्यक्त की है कि चार साल से अधिक समय बीत जाने के बावजूद, 12 राज्यों में से जहां मेट्रो रेल का काम या तो शुरू हो गया है या निर्माणाधीन है, छह राज्यों में जिसमें दिल्ली, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और राजस्थान शामिल हैं इन्हें यूएमटीए का गठन करना बाकी है। समिति ने मंत्रालय से उन राज्यों में यूएमटीए की स्थापना को शुरू करने और प्रोत्साहित करने की सिफारिश की जहां इसके समर्थित मेट्रो नेटवर्क बिना किसी और देरी के या तो चालू हैं या निर्माणाधीन हैं।
मेट्रो रेल नीति, 2017 शहरी परिवहन की योजना और प्रबंधन में एक एकीकृत ²ष्टिकोण प्रदान करती है, जिसमें राज्य सरकारों को एक सांविधिक निकाय के रूप में एकीकृत महानगर परिवहन प्राधिकरण (यूएमटीए) का गठन करना होता है, जो शहर के लिए व्यापक गतिशीलता योजना तैयार करने के लिए जिम्मेदार होगा। शहरी परिवहन बुनियादी ढांचे में निवेश का आयोजन, विभिन्न शहरी परिवहन एजेंसियों के बीच प्रभावी समन्वय स्थापित करना, शहरी परिवहन कोष (यूटीएफ) का प्रबंधन करना आदि।
समिति ने आगे कहा कि केंद्रीय सहायता से शुरू की गई सभी मेट्रो रेल परियोजनाओं के लिए राज्य सरकारों को एक वर्ष के भीतर शहर में यूएमटीए की स्थापना और संचालन के लिए प्रतिबद्धता देना अनिवार्य होगा और जिन शहरों में मेट्रो परियोजनाएं पहले से ही लागू हैं, यूएमटीए एक वर्ष के भीतर गठित किया जाना चाहिए। समिति को अवगत कराया गया है कि यूएमटीए का गठन बेंगलुरु, कोच्चि, पुणे, चेन्नई, हैदराबाद, लखनऊ, कानपुर और आगरा शहरों में किया गया है। दूसरी ओर, पटना, भोपाल, इंदौर और नागपुर महानगरों के लिए यूएमटीए प्रक्रियाधीन है।