द ब्लाट न्यूज़ । साझा विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) करीब आने के बीच दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) सहित केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिला चाहने वाले छात्रों की शिकायत है कि उन्हें परीक्षा के नये स्वरूप के बारे में जानकारी नहीं है।
साझा विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) या सीयूईटी-यूजी का आयोजन राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) 15 जुलाई से 10 अगस्त तक करेगी। सीयूईटी के प्रथम संस्करण के लिये 11 लाख से अधिक छात्रों ने पंजीकरण कराया है। छात्रों का हालांकि कहना है कि एनटीए ने सीयूईटी स्नातक के लिये सोमवार को प्रवेश कार्ड जारी किया है, जो काफी देर से किया है।
दिल्ली की रहने वाली राम्या शुक्ला (18 वर्ष) दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिला चाहती हैं। राम्या का कहना है कि परीक्षा के स्वरूप को लेकर छात्रों में घबराहट है। उन्होंने कहा, ‘‘हम नहीं जानते हैं कि परीक्षा में क्या आयेगा, हमें क्या पढ़ना चाहिए, क्या नहीं पढ़ना चाहिए। हमें प्रश्नपत्र को लेकर कोई नमूना पत्र नहीं उपलब्ध कराया गया है। हमें प्रवेश कार्ड देर से मिल रहे हैं और पहली बार ऐसी किसी परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है।’’
राम्या ने कहा, ‘‘मुझे कुछ भी जानकारी नहीं है कि प्रश्न पत्र में क्या आयेगा। हम केवल यही उम्मीद कर रहे हैं कि जो हमने पढ़ा है, वह पूछा जायेगा।’’
यह पूछे जाने पर कि परीक्षा की तैयारी कैसे कर रहीं हैं, राम्या ने कहा, ‘‘मैंने 12वीं कक्षा में जो कुछ पढ़ा, उसे पढ़ रही हूं और दोहरा रही हूं। मेरे पास और कोई विकल्प नहीं है।’’
परीक्षा को लेकर परेशान छात्रों में राम्या अकेली नहीं हैं, फरीदाबाद के आकाश गुप्ता (17 वर्ष) भी देर से प्रवेश कार्ड जारी किये जाने को लेकर शिकायत कर रहे हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिले की उम्मीद रखने वाले आकाश का कहना है कि प्रवेश कार्ड जारी होने के बाद ही छात्र पढ़ाई को लेकर गंभीर होते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमें प्रवेश कार्ड काफी देर से मिला है। हमें यह भी पता नहीं है कि परीक्षा में क्या पूछा जायेगा और वह भी उस परीक्षा के बारे में जो हमारे जीवन की महत्वपूर्ण परीक्षा है।’’
उन्होंने कहा कि यह थोड़ा अनुचित है जबकि हम पहली बार ऐसे परीक्षा में बैठ रहे हैं। ऐसी स्थिति में कई छात्र मदद के लिये कोचिंग संस्थानों का रुख करते हैं।
आकाश ने कहा कि उन्होंने भी कोचिंग संस्थान में दाखिला लिया है क्योंकि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि क्या पूछा जायेगा। अब वे थोड़ा सुरक्षित महसूस कर रहे हैं लेकिन परीक्षा के स्वरूप को स्पष्ट किया जाना चाहिए था।
ज्ञात हो कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने मार्च में घोषणा की थी कि 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिला लेने के लिये सीयूईटी के अंक जरूरी होंगे, 12वीं कक्षा के अंक नहीं। केंद्रीय विश्वविद्यालय न्यूनतम पात्रता अर्हता तय कर सकते हैं।