द ब्लाट न्यूज़ । मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि सेवा भावना के साथ कर्तव्य पालन ही मानवता की सेवा है। पटेल ने यह बात राजभवन के सांदीपनि सभागार में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा आयोजित सिकल सेल एनीमिया प्रबंधन एवं रोकथाम उन्मुखीकरण कार्यशाला को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि कुदरत ने मानव को वाणी, बुद्धि की विशिष्ट शक्तियाँ दी हैं ताकि वह दूसरों की मदद कर सके। उन्होंने कहा कि हम जो भी कार्य कर रहे हैं वह हमारा कर्तव्य है यह कार्य हम सेवा भाव के साथ करेंगे तो ईश्वर के आर्शीवाद के भागी होंगे।
उन्होंने कार्यकाल के एक वर्ष की पूर्णता पर राज्य सरकार द्वारा उनके प्रयासों में किए जा रहे सहयोग के प्रति आभार ज्ञापित किया। राज्य की जनता के द्वारा उनके भाव, भावनाओं और कार्यों के प्रति सहयोग और सद्भावनाओं के प्रदर्शन के लिए भी कृतज्ञता ज्ञापित की। राजभवन के सभी छोटे-बड़े कर्मचारी और अधिकारियों के द्वारा उनकी संवेदनशील कार्यशैली के अनुसार सजगता और सक्रियता के साथ कार्य करने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यशाला में प्रदेश के विश्वविद्यालयों के प्रबंधक, प्रोफेसर और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
राज्यपाल द्वारा पन्ना जिले के जनजातीय ग्राम जनवार की अंतर्राष्ट्रीय स्केटिंग खिलाड़ी बालिकाओं आशा गौंड, दुर्गा गौंड को प्रशस्ति-पत्र भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल को पुस्तक मौन का उद्-घोष की प्रथम प्रति भेंट की गई। राज्यपाल के एक वर्ष के कार्यकाल पर करीब चार मिनट की डॉक्यूमेंट्री संकल्पसिद्ध-कर्मसिद्ध राज्यपाल मंगुभाई पटेल का प्रदर्शन किया गया। स्वास्थ्य आयुक्त सुदाम खाड़े ने राज्य सरकार द्वारा विकसित सिकल सेल पोर्टल का देश के अन्य राज्यों में अंगीकृत किए जाने संबंधी पत्र भेंट किया। राज्यपाल ने कार्यशाला में अपेक्षित व्यक्तियों से अधिक व्यक्ति उपस्थित होने पर हर्ष व्यक्त किया।
मानवता की सेवा के संकल्प प्रसंग में उनकी सहभागिता के लिए सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के प्रथम नागरिक के रुप में आमजन की अपेक्षाओं और पदीय कर्तव्यों के पालन के लिए वह अपनी पूरी क्षमता और संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रहे हैं। वंचित और पहुँच विहीन क्षेत्रों और वर्गों के कल्याण प्रयासों में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देने की भाव और भावना के साथ कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोविड आपदा और निर्वाचन के दृष्टिगत ढ़ाई माह भ्रमण का अवसर नहीं मिल पाने बावजूद उन्होंने प्रदेश के अधिकांश जिलों का भ्रमण किया है।
पटेल ने सिकल सेल एनीमिया रोकथाम प्रयासों में विश्वविद्यालयों को सक्रिय सहभागिता देने का आव्हान करते हुए कहा कि रोग के संबंध में जनजागरण प्रयासों में शिक्षक और विद्यार्थी महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपतियों को जनजागृति प्रयासों का नेतृत्व करते हुए, पांच-पांच गांव गोद लेने, गाँवों का भ्रमण करने और अन्य महाविद्यालयों को भी जनजागरण कार्य में सहयोग के लिए प्रेरित करने को कहा। उन्होंने कहा कि सिकल सेल की रोकथाम के लिए व्यापक स्तर पर स्क्रीनिंग, जांच तथा प्रभावी उपचार, स्वास्थ्य, विवाह और पुनर्वास सेवाओं के संबंध में जनजातीय समुदाय में जागृति के प्रसार की जरूरत है।
उन्होंने आंगनवाड़ी केंद्र, प्राथमिक, माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में स्क्रीनिंग, गर्भावस्था में जांच, काउंसलिंग की जरूरत पर प्रकाश डाला। प्रसव उपरांत 72 घंटों के भीतर नवजात की जांच हो जाने पर शारीरिक विकृतियों के नियंत्रण हो सकने संबंधी जानकारियाँ देते हुए शिक्षित विद्यार्थियों के माध्यम से जनजातीय समाज को रोग के संबंध में सजग बनाने के प्रयासों पर बल दिया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय जनजातीय विद्यार्थियों को भी रोग उपचार, नियंत्रण संबंधी प्रयासों से अवगत करा कर, ग्राम भ्रमण में शामिल करें।
सहज और सरल भाषा में जनजातीय समुदाय के साथ संवाद करने के लिए प्रेरित, प्रशिक्षित करें। उन्होंने क्षयरोग को वर्ष 2024 तक समाप्त करने के संकल्प में आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग की सहायता करने और पूर्व राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के इस दिशा में प्रयासों को और अधिक गति देने पर बल दिया। राज्यपाल श्री पटेल को एक वर्ष के कार्यकाल की पूर्णता पर बधाई देते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि पटेल ने प्रदेश में जनजातीय समुदाय के विकास प्रयासों और सिकल सेल एनीमिया रोग उपचार प्रबंधन में समाज और सरकार का प्रभावी नेतृत्व किया है।
पूरे प्रदेश का भ्रमण कर समाज की अंतिम कड़ी के साथ संवाद किया है। उनके विकास प्रयासों में योगदान किया है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के समस्त 89 जनजाति बहुल विकास खण्डों में सिकल सेल एनीमिया उपचार प्रबंधन का कार्य मिशन मोड में किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने राष्ट्रीय जनजातीय स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान के साथ स्वास्थ्य कर्मियों, ए.एन.एम., सी.एच.ओ. और आशा कार्यकर्ता के प्रशिक्षण का अनुबंध किया है। उन्होंने बताया कि झाबुआ और अलीराजपुर के पायलेट जिलों में लक्षित वर्ग की पांच लाख साठ हजार आबादी की जांच का कार्य पूरा हो गया है।
उन्होंने सिकल सेल रोग के संबंध में राज्य सरकार के प्रयासों का उल्लेख करते हुए बताया कि विश्व सिकल दिवस के अवसर पर शुरु किए गए सिकल सेल पीड़ितों के हेल्थ रिकार्ड हेतु बनाए गए पोर्टल को केंद्र सरकार द्वारा अंगीकृत किया गया है। राज्यपाल को कार्यकाल की पूर्णता पर बधाई देते हुए जनजातीय प्रकोष्ठ के अध्यक्ष दीपक खांडेकर ने कार्यशाला की रूप रेखा पर प्रकाश डाला। कहा कि कार्यशाला जनजातीय कल्याण प्रयासों में उच्च शिक्षा जगत को जोड़ने की पहल है।
प्रयास है कि जनजातीय समाज के सफल प्रतिभावान व्यक्तियों, व्यवसायियों को जनजातीय विकास प्रयासों में शामिल किया जाए। सबके साथ से विकास के नए आयाम स्थापित किए जाएं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की प्रबंध संचालक सुश्री प्रियंका दास ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के द्वारा सिकल सेल एनीमिया बीमारी के स्वरूप, प्रबंधन की आवश्यकता जनजागरण में विश्वविद्यालयों की भूमिका और राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी देते हुए बताया कि सिकल सेल पोर्टल के साथ टोल-फ्री हेल्पलाईन, प्री-नेटल डायग्नोस्टिक, नवजात स्क्रीनिंग हेतु कौशल क्षमता विकास प्रशिक्षण और प्रयोगशाला विकास के कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने विश्वविद्यालयों से समुदाय स्तरीय सम्पर्क, मैदानी कार्यकर्ताओं से समन्वय, जागरूकता गतिविधियाँ और जीवनशैली काउंसलिंग में सहयोग की अपेक्षा की है।