द ब्लाट न्यूज़ । दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया गया है कि 42 अतिरिक्त वाणिज्यिक अदालतें तत्काल शुरू करने में यहां अदालत कक्षों की कमी आड़े आ रही है, जिन्हें बुनियादी ढांचा पूरा होने के बाद स्थापित किया जाएगा।
उच्च न्यायालय के प्रशासनिक पक्ष द्वारा एक लंबित याचिका पर अभिवेदन दिया गया था जिसमें अधिकारियों को 13 अप्रैल, 2021 को दिल्ली सरकार द्वारा अधिसूचित अधिक वाणिज्यिक अदालतें स्थापित करने का निर्देश देने का आग्रह किया गया था, ताकि राष्ट्रीय राजधानी में वाणिज्यिक मामलों का त्वरित निवारण सुनिश्चित किया जा सके।
दिल्ली उच्च न्यायालय के संयुक्त रजिस्ट्रार ने अदालत के पूर्व के निर्देशों के अनुसरण में दायर एक हलफनामे में कहा कि यहां के जिला न्यायालय परिसरों के सभी प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीशों से अनुरोध किया गया था कि वे अपने अदालत परिसरों में अदालत कक्षों के खाली होने/उपलब्धता के संबंध में नवीनतम जानकारी प्रदान करें।
अदालत ने पहले नोटिस जारी किया था और अधिवक्ता एवं सामाजिक कार्यकर्ता अमित साहनी की एक याचिका पर रजिस्ट्रार जनरल के माध्यम से दिल्ली उच्च न्यायालय, दिल्ली सरकार और केंद्र से जवाब मांगा था, जिसमें दिल्ली सरकार की 13 अप्रैल, 2021 की अधिसूचना के मद्देनजर जिला न्यायाधीशों (वाणिज्यिक) के 42 और पद स्थापित करने का निर्देश देने का आग्रह किया गया था।
अदालत ने उच्च न्यायालय के प्रशासनिक पक्ष को अदालत कक्षों और इन वाणिज्यिक अदालतों का संचालन कर सकने वाले न्यायिक अधिकारियों की उपलब्धता के बारे में स्थिति का खुलासा करने के लिए एक हलफनामा दायर करने का भी निर्देश दिया था।
हलफनामे में प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, कुल 554 न्यायालय कक्षों में से वर्तमान में यहां न्यायालय परिसरों में नौ अदालत कक्ष खाली हैं।
हलफनामे में कहा गया है कि कड़कड़डूमा अदालत में 44 ‘प्री-फैब्रिकेटेड’ अदालत कक्ष पूरे हो चुके हैं और उनका कब्जा प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पूर्वी), कड़कड़डूमा के कार्यालय को सौंप दिया गया है, और तीस हजारी अदालत में 50 ‘प्री-फैब्रिकेटेड’ अदालत कक्षों का निर्माण किया गया है तथा साकेत अदालत में 46 कक्ष उन्नत चरण में हैं और उम्मीद है कि निकट भविष्य में उन्हें पूरा कर लिया जाएगा।
इसमें कहा गया, “यह प्रस्तुत किया जाता है कि वर्तमान में दिल्ली उच्च न्यायिक सेवा में जिला न्यायाधीश (वाणिज्यिक न्यायालय) के 64 पद स्वीकृत हैं और इन 64 पदों के विरुद्ध, जिला न्यायाधीश (वाणिज्यिक न्यायालय) के 22 न्यायालय कार्य कर रहे हैं। यह भी बताया जा सकता है कि 64 पदों में से 42 पद 13 अप्रैल, 2021 को स्वीकृत किए गए थे और इन पदों को 19 अगस्त, 2021 से डीएचजेएस नियम, 1970 की अनुसूची में शामिल किया गया है।’’
हलफनामे में कहा गया है, “इस प्रकार, वर्तमान में, 42 अतिरिक्त वाणिज्यिक अदालतों को तुरंत शुरू करने के लिए दिल्ली के अदालत परिसरों में अदालत कक्षों की कमी है। एक बार, शेष 96 निर्माणाधीन अदालत कक्ष सौंपे जाने के बाद, 42 नए वाणिज्यिक न्यायालय स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।’’
मामले की सुनवाई मंगलवार को होनी है।
उच्च न्यायालय ने चार अप्रैल को दिल्ली सरकार से कहा था कि वह राष्ट्रीय राजधानी में 42 वाणिज्यिक अदालतें स्थापित करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे के बारे में अवगत कराए।