द ब्लाट न्यूज़ । जेवर एयरपोर्ट को मेट्रो से नई दिल्ली एयरपोर्ट को जोड़ने की कवायद चल रही है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) इसकी डीपीआर बना रहा है। पहले जेवर एयरपोर्ट पर एक मेट्रो स्टेशन बनाने की योजना थी, लेकिन अब तीन स्टेशन बनाने की तैयारी है। डीपीआर बनाते समय इस बिंदु पर चर्चा हुई है। हालांकि अभी इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है।
यमुना प्राधिकरण ने डीपीआर बनाने की जिम्मेदारी डीएमआरसी को दी है। डीएमआरसी ने ट्रैफिक स्टडी पूरी कर ली है। अभी डीपीआर पर काम चल रहा है। पहले जेवर एयरपोर्ट पर एक मेट्रो स्टेशन बनाने की बात थी, लेकिन अब वहां तीन मेट्रो स्टेशन बनाने की बात चल रही है। डीपीआर बनाते समय इन बिंदुओं पर चर्चा हुई है। ये तीन स्टेशन किस तरह और किसके उपयोग के लिए बनेंगे, इस पर मंथन चल रहा है। हालांकि अभी इसको लेकर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। डीपीआर बनने के बाद इस बात से पर्दा उठेगा।
दो चरणों में होगा काम
देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट जेवर बन रहा है। इस एयरपोर्ट को नई दिल्ली एयरपोर्ट से मेट्रो के जरिए जोड़ने की तैयारी है। जेवर से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन तक का यह कॉरिडोर 72 किलोमीटर लंबा होगा। इसकी डीपीआर दो चरणों में बनेगी।
1. पहले चरण में जेवर से ग्रेटर नोएडा तक का हिस्सा शामिल है। ग्रेनो से नई दिल्ली तक की डीपीआर दूसरे चरण का हिस्सा होगी। जेवर से ग्रेटर नोएडा नॉलेज पार्क-2 तक 35.64 किलोमीटर का कॉरिडोर होगा। इसमें सात मेट्रो स्टेशन बनाए जाएंगे। ये स्टेशन नॉलेज पार्क 2, टेकजोन, सलारपुर अंडरपास, सेक्टर 18, सेक्टर 20, सेक्टर 28-29 और एयरपोर्ट में प्रस्तावित किए गए हैं।
2. ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-2 से नई दिल्ली तक का यह कॉरिडोर करीब 36 किलोमीटर लंबा होगा। यह कॉरिडोर मेट्रो नोएडा-ग्रेनो एक्सप्रेसवे होते हुए नोएडा, नोएडा से यमुना बैंक तक जाएगा। यहां तक कॉरिडोर एलिवेटेड प्रस्तावित किया गया है। यमुना बैंक से नई दिल्ली तक अंडरग्राउंड मेट्रो जाने की उम्मीद है। इस कॉरिडोर में छह स्टेशन बनाए जा सकते हैं।
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