द ब्लाट न्यूज़ । दिल्ली विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत अपने पाठ्यक्रम तैयार कर रहा है। तैयार पाठ्यक्रमों की स्थायी समिति समीक्षा कर रही है और उसके बाद उसे अंतिम स्वरूप दिया जा रहा है।
डीयू के डीन ऑफ कॉलेजेज प्रो. बलराम पाणि का कहना है कि पाठ्यक्रमों की तैयारी को लेकर विभागों का रुख सकारात्मक है। बुधवार को हम लोगों ने स्थायी समिति की बैठक में 19 विभागों के पाठ्यक्रमों को पास किया। लेकिन हमारे पास 80 से अधिक विभाग हैं और हम लोग जुलाई माह के अंत तक सभी विभागों के पाठ्यक्रम की तैयारी नए प्रारूप में कर लेंगे। इसे जुलाई के अंत में ही विद्वत परिषद में ले जाया जाएगा और इस पर चर्चा होगी।
उन्होंने कहा कि अभी अधिकांश विभाग पहले वर्ष के पाठ्यक्रम ही दे रहे हैं। कई विभागों ने चारों वर्ष के पाठ्यक्रम तैयार किए हैं। उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि इस पाठ्यक्रम के प्रारूप को तैयार करने के लिए किसी तरह का विरोध नहीं है। हालांकि, बुधवार को हुई स्थायी समिति की बैठक में कुछ सदस्यों ने पाठ्यक्रम को लेकर विरोध जताया। उनका कहना था कि एक साथ चारों वर्ष के पाठ्यक्रम समिति में प्रस्तुत किए जाने चाहिए। ज्ञात हो कि दिल्ली विश्वविद्यालय की अकादमिक मामलों की स्थायी समिति ने बुधवार को 19 चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रमों के पहले सेमेस्टर के पाठ्यक्रम का मसौदा पारित किया, जबकि चार सदस्यों ने प्रस्ताव के खिलाफ असहमति जताई थी।
विश्वविद्यालय ने 2022-23 शैक्षणिक सत्र से राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) और चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम (एफवाईयूपी) के कार्यान्वयन को मंजूरी दे दी है। फरवरी में, विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद (ईसी) ने 2022-23 शैक्षणिक सत्र के लिए एनईपी के अनुसार तैयार किए गए अंडरग्रेजुएट करिकुलम फ्रेमवर्क (यूजीसीएफ) का मसौदा पारित किया गया था। ज्ञात हो कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने भी 15 जुलाई तक नए पाठ्यक्रम का मसौदा तैयार करने की बात कही है।