द ब्लाट न्यूज़ । भगवान जगन्नाथ की 145वीं रथ यात्रा का सुचारू रूप से संचालन सुनिश्चित करने और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने के लिए पुलिस ने गुजरात में अहमदाबाद शहर के कुछ हिस्सों में रविवार को पैदल गश्त की।
रथयात्रा एक वार्षिक आयोजन होता है और इस साल यहां एक जुलाई को इसका आयोजन किया जाएगा। कोविड-19 के कारण दो साल रथयात्रा आयोजित नहीं हो पाई थी।
अहमदाबाद के पुलिस आयुक्त संजय श्रीवास्तव ने शनिवार देर रात गश्त के बाद संवाददाताओं से कहा कि ऐसा पहली बार है, जब रथ यात्रा की सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों को वर्दी में संलग्न किये जाने वाले कैमरों से लैस किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि पुलिस अधिकारियों को रथयात्रा की सुरक्षा से जुड़ी जानकारी मोबाइल फोन पर भी मिलेगी।
परंपरागत रूप से, रथयात्रा जमालपुर क्षेत्र में 400 साल पुराने भगवान जगन्नाथ मंदिर से सुबह लगभग सात बजे शुरू होती है और शहर के विभिन्न क्षेत्रों से गुजरने और 19 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद रात आठ बजे लौटती है।
सजेधजे हाथियों और कई झांकियों से सजी रथयात्रा की एक झलक पाने के लिए हर साल लाखों लोग ‘आषाढ़ी बीज’ पर मार्ग पर एकत्र होते हैं।
अहमदाबाद के पुलिस आयुक्त श्रीवास्तव और कई अन्य सुरक्षाकर्मियों ने रथयात्रा के पारंपरिक मार्ग पर शनिवार देर रात पैदल गश्त की। यह मार्ग सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील कई क्षेत्रों से होकर गुजरता है।
श्रीवास्तव ने संवाददाताओं से कहा कि रथयात्रा शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए कार्ययोजना तैयार की गई है।
उन्होंने कहा कि गश्त का मकसद पुलिस अधिकारियों को संवेदनशील क्षेत्रों के बारे में बताना और उन चीजों से अवगत कराना था, जिन्हें लेकर उन्हें सतर्क रहने की जरूरत है। इसका लक्ष्य अधिकारियों को यह बताना था कि इस आयोजन के लिए उचित सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या करने की आवश्यकता है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘पूरी योजना बनाई जा रही है और एक महीने से अधिक समय से तैयारी चल रही है।’’
गुजरात के खंभात और हिम्मतनगर शहरों में इस साल अप्रैल में रामनवमी पर शोभायात्रा के दौरान सांप्रदायिक दंगे हुए थे। उस दौरान हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और संपत्ति को नुकसान पहुंचा था।