कांग्रेस ने जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के फिर से जोर पकड़ने पर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि वहां शांति बहाली के लिए सख्त कदम उठाने के साथ ही सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि आज के बाद कश्मीर में कोई हत्या नहीं हो। कांग्रेस वरिष्ठ नेता विवेक तन्खा ने शुक्रवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कश्मीर घाटी में पिछले एक माह के दौरान आठ से ज्यादा निर्दोष नागरिकों की हत्या हो चुकी है।
आतंकवादी लक्षित हत्या कर रहे हैं और इससे वहां सरकारी दफ्तरों में तैनात कर्मचारियों में दहशत फैल गई है और विभिन्न क्षेत्रों में तैनात सरकारी कर्मचारियों ने वापसी की मांग शुरु कर दी है। उन्होंने कहा कि अब सरकार को जवाब देना चाहिए कि उसकी कश्मीर में शांति के लिए क्या नीति है। वहां सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए कदम उठाने की जरूरत है और सरकार को सभी दलों के नेताओं के साथ बातचीत कर देश को बताना चाहिए कि सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए वह क्या कदम उठा रही है। सरकार को सभी पक्षधारकों से शांति लाने के लिए बात करनी चाहिए क्योंकि उनसे बात किए बिना समस्या का समाधान संभव नहीं है। यह पूछने पर कि वह पक्षधारक किसको मानते हैं तो उन्होंने कहा कि यह तय सरकार को करना है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि जम्मू कश्मीर में लम्बे समय से केंद्र सरकार शासन चला रही है इसलिए यह बहाना नहीं चलेगा कि वहां की स्थिति 60-70 साल के काम से बिगड़ी है। पिछले एक माह के दौरान राज्य में आठ से ज्यादा निर्दोष नागरिक मारे गये हैं। कश्मीर घार्टी में सरकारी संस्थान भी सुरक्षित नहीं हैं इसलिए सरकारी कार्यालयों में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए जाने चाहिए और सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि कल रात हुई निर्दोष लोगों की हत्या आखिरी साबित हो और अगले 24 घंटे के बाद किसी दूसरे निर्दोष व्यक्ति की हत्या हो।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस जनता के दुख मिटाने का काम प्रचार प्रसार करके नहीं करती है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी का संवेदनशील चेहरा नहीं है इसलिए वह प्रोपागेंडा पर भरोसा करती है और उसी का परिणाम है कि घाटी में आज यह स्थिति पैदा हो गई है। उनका कहना था कि कश्मीर का मामला 370 से ज्यादा है इसलिए स्टेक होल्डर से बात किये बिना समस्या का समाधान नहीं हो सकता है। तन्खा ने कहा कि जम्मू कश्मीर में सबसे पहले सरकार को वहां फिर से पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए काम करना चाहिए। उनका कहना था कि जैसे ही सरकार राज्य का केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा खत्म कर उसे पूर्ण राज्य का दर्जा देगी उसी दिन वहां की आधा समस्या खत्म हो जाएगी और आधा से ज्यादा खुशहाली लौट आएगी।