-सेंट स्टीफेंस कॉलेज ने कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट के आदेश को हाई कोर्ट में दी है चुनौती
द ब्लाट न्यूज़ । दिल्ली हाई कोर्ट ने सेंट स्टीफेंस कॉलेज की उस याचिका को 3 जून को लिस्ट करने का आदेश दिया है, जिसमें दिल्ली यूनिवर्सिटी के आदेश को चुनौती दी गई है। दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कॉलेज में दाखिला कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) के जरिये ही करने को कहा है। जस्टिस संजीव नरुला ने इस याचिका को कार्यकारी चीफ जस्टिस विपिन सांघी के समक्ष लिस्ट करने का आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान एएसजी चेतन शर्मा ने कोर्ट को बताया कि सेंट स्टीफेंस कॉलेज में दाखिले के मामले पर एक लॉ स्टूडेंट की याचिका पर 1 जून को सुनवाई हुई थी, जिस पर हाईकोर्ट नोटिस जारी कर चुका है। एएसजी की इस दलील का सेंट स्टीफेंस कॉलेज की ओर से पेश वकील रोमी चाको ने विरोध करते हुए कहा कि हाई कोर्ट ने इस पर निर्देश लेने को कहा है और उस याचिका में सेंट स्टीफेंस कॉलेज को अग्रिम याचिका उपलब्ध भी नहीं कराई गई थी। तब कोर्ट ने कहा कि दोनों याचिकाओं के मसले एक समान हैं, इसलिए दोनों याचिकाओं पर एक ही बेंच सुनवाई करे।
कोर्ट ने 1 जून को दिल्ली यूनिवर्सिटी, यूजीसी और सेंट स्टीफेंस कॉलेज को नोटिस जारी किया था। इस याचिका के जरिये एक लॉ स्टूडेंट कोनिका पोद्दार ने कहा है कि डीयू और सेंट स्टीफेंस कॉलेज के बीच हर साल एडमिशन को लेकर पैदा होने वाले विवाद की वजह से स्टूडेंट्स को परेशानी होती है। याचिकाकर्ता की ओर से वकील आकाश वाजपेयी ने कहा कि इंटरव्यू के दौरान चयन समिति की सिफारिश के आधार पर मार्क्स देना भेदभावपूर्ण है।
याचिका में कहा गया है कि आमतौर पर दिल्ली यूनिवर्सिटी में दाखिला बारहवीं कक्षा में मिले अंकों के आधार पर होता है। सेंट स्टीफेंस कॉलेज में दाखिले के लिए अलग से इंटरव्यू करना विभेद को जन्म देता है। याचिका में सेंट स्टीफेंस कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल वाल्सन थंपू के उस आलेख को आधार बनाया गया है, जिसमें सेंट स्टीफेंस कॉलेज में दाखिले में गड़बड़ी की बात कही गई है।