ज्योतिष के अनुसार सोमवार के दिन भगवान शंकर की पूजा का विधान रहता है। जी हाँ और इस दिन लोग भोलेनाथ का व्रत-पूजन करते हैं। हालाँकि कई बार कुछ लोगों से इनके पूजन में कई गलतियां हो जाती है, जिस कारण उन्हें कई बार शुभ की जगह अशुभ फल प्राप्त होते हैं। आप सभी को हम यह भी बता दें कि शिव से संबंधित बहुत ग्रंथ आदि हैं, जिनमें उनके जीवन चरित्र, रहन-सहन, विवाह और उनके परिवार की उत्पत्ति के बारे में बताया गया है।
हालाँकि यह भी माना जाता है कि शिव पुराण में भगवान शंकर के बारे में विस्तार पूर्वक वर्णन किया गया है। जी हाँ और शिव पुराण के बारे में कहा जाता है कि इसे पढ़ने-सुनने से अक्षय पुण्यों की प्राप्ति होती है। हालांकि इसका संपूर्ण फल पाने के लिए कुछ नियमों का पालन करना भी जरूरी है। अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं शिवपुराण को पढ़ने के दौरान क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।
* कथा सुनने से पहले बाल, नाखून आदि काट लें और तन शुद्ध करके स्वच्छ कपड़े पहनकर ही शिव कथा सुनें।
* कथा सुनने के दौरान इस बात का ध्यान रखें कि मन में भगवान शिव के प्रति पूरी श्रद्धा और आस्था हो और किसी के प्रति द्वेष भाव न हो।
* भगवान शंकर के व्रत का ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए पालन करना चाहिए। ध्यान रहे इस दौरान भूमि पर सोना चाहिए।
* व्रत के समय किसी की निंदा, चुगली न करें।
* अगर बिना व्रत किए भगवान शंकर को प्रसन्न करना चाहते हैं तो सात्विक भोजन खाएं।
* शिव कथा पूरी हो जाएं तो शिव पुराण और शिव परिवार का विधि व्रत पूजन करें।
* कहा जाता है कथा सुनने से पहले या बाद में अगर व्यक्ति किसी रोगी, विधवा, अनाथ, गौ आदि का दिल दुखाता है तो वह व्यक्ति पाप का भागी बनता है और उसके समस्त सत्कर्मों का नाश हो जाता है।
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