द ब्लाट न्यूज़ । नोएडा शहर के ज्वैलर्स ने बड़ी मांग की है। नोएडा ज्वैलर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ.अरुणवीर सिंह को एक पत्र लिखकर कहा है कि जेवर में बन रहे नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के पास ज्वैलरी पार्क विकसित किया जाए। शहर के आभूषण विक्रेता और निर्माताओं ने प्राधिकरण की हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया है।
नोएडा ज्वैलर्स वैलफेयर ऐसोसिएशन के चेयरमैन सुधीर सिंघल ने कहा, “आत्मनिर्भर भारत के तहत देश में गुणवत्तापूर्ण वस्तुओं के उत्पादन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण शानदार हैं। वैश्विक बाजार में भारत की प्रमुख हिस्सेदारी हासिल करने के लिए सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले आभूषणों के उत्पादन को प्रोत्साहित करना जरूरी है। इसके लिए हम जेवर अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा के पास ज्वेलरी पार्क बना सकते हैं। जहां घरेलू बाजार के लिए और अन्य देशों को निर्यात करने के लिए बड़े पैमाने पर आभूषण निर्मित किए जाएं।” सुधीर सिंघल ने आगे कहा, “भारत में आभूषण पार्क एक बहुत ही आशाजनक और सक्रिय क्षेत्र है, जो पर्याप्त राजस्व और बड़ी विदेशी मुद्रा अर्जित करने में सक्षम है। देश में लगभग 3 लाख जौहरी आभूषण व्यवसाय में लगे हुए हैं, जिनमें से लगभग 50 हजार छोटे और बड़े जौहरियों ने पूरे भारत में 8 लाख से अधिक कारीगरों को काम दे रखा है।”
एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र वर्मा ने कहा, “विश्वस्तरीय वस्तुओं के उत्पादन के लिए सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले आभूषण विकसित कर सकते हैं। यह ज्वैलरी पार्क वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ाएगा और विदेशी निवेशकों को आमंत्रित करने में सक्षम होगा। आभूषण विक्रेताओं के लिये देश में आधुनिक मशीनों से निर्मित आभूषणों की आपूर्ति का बाजार उपलब्ध होगा। भारत में रोजगार और उद्यमिता के दायरे को बढ़ाएगा। ऐसा ज्वैलरी पार्क एक छतरी के नीचे एंड टू एंड ज्वैलरी मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम तैयार करेगा। यह सभी सहायक सुविधाओं के साथ अत्याधुनिक बुनियादी ढाँचा, एक कुशल कार्यबल और गुणवत्तापूर्ण आभूषण वस्तुओं के निर्माण के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करेगा। यह पार्क बड़े पैमाने पर रोजगार देगा। आभूषण क्षेत्र में रोजगार के अधिक अवसर पैदा करने के लिए छोटी विनिर्माण इकाइयों और व्यापारियों को ज्यादा मौके देगा। व्यापार को कम खर्चों पर तैयार आभूषण उपलब्ध कराने का स्थान बनेगा। साथ ही नोएडा को महत्वपूर्ण राजस्व भी मिलेगा।”
नोएडा ज्वैलर वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव सुशील जैन ने कहा, “आभूषणों के निर्माण में सात चरण की प्रक्रिया होती है। जिसमें सोने के कच्चे माल की खरीद, सोने को पिघलाना, डिजाइन के अनुसार डाई कटिंग, पॉलिशिंग के लिए कारीगर की भागीदारी, सोने की रिफाइनिंग और अंत में रोडियम पॉलिश शामिल हैं। आमतौर पर जौहरी छोटे कारीगरों और कामगारों को अनुबंध के आधार पर रखकर आभूषणों के निर्माण आउटसोर्स करते हैं। ये सारी सुविधाएं इस ज्वेलरी पार्क में उपलब्ध हो सकती हैं। सरकार की ओर से सस्ती दरों पर भूमि उपलब्ध कराई जानी चाहिए। ऐसे पार्क में एक छत के नीचे संस्थागत वित्त, पैकेजिंग और रसद आदि की सभी सुविधाएं उपलब्ध हो सकती हैं। इसके अलावा हॉलमार्क और एचयूआईडी सुविधाओं की स्टैंपिंग सरकार या एजेंसियां इसी ज्वेलरी पार्क में दें। यह पार्क एक छतरी के नीचे आभूषण निर्माण को एकीकृत करने के लिए व्यवहार्य उपकरण के रूप में काम कर सकता है।”
एसोसिएशन ने आगे कहा, “हमारा सुझाव है कि ज्वैलरी सेक्टर में यह अनिवार्य किया जाना चाहिए कि चीन की तरह केवल सरकार द्वारा अनुमोदित मशीनरी का ही उपयोग किया जाए। इस नीति के तहत सरकार को कम से कम 100 ज्वैलरी इकाइयों को एक क्लस्टर के तहत ज्वैलरी मैन्युफैक्चरिंग की अनुमति देनी चाहिए। यह प्रयास क्लस्टर को एक इकाई के रूप में काम करने के लिए सशक्त करेगा, जिससे उनकी क्रय शक्ति में वृद्धि होगी। जिससे आभूषणों की कीमतों में काफी कमी आएगी। हमें विश्वास है कि इस सुझाव को यमुना प्राधिकरण का अनुमोदन प्राप्त होगा। अथॉरिट के साथ नोएडा ज्वेलर्स वैलफेयर ऐसोसियेशन का प्रतिनिधिमंडल वार्ता करना चाहता है।”