सीएम शिवराज ने ग्रामीण युवाओं के लिए की बड़ी घोषणा…

द ब्लाट न्यूज़ । देश का पहला ग्रामीण जनजातीय तकनीकी प्रशिक्षण शुक्रवार को कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित किया जा रहा है। सुबह 11 बजे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्यमंत्री राजीव चन्द्रशेखर ने इसका शुभारंभ किया। कार्यक्रम में कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष, राष्ट्रीय अध्यक्ष जनजातीय मोर्चा समीर उरांव भी शामिल हुए।

क्रिस्प के प्रबंध संचालक डा. श्रीकांत पाटिल ने बताया कि कौशल एवं उद्यमिता मंत्रालय एवं राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के सहयोग से जनजातीय युवाओं के लिए संसदीय संकुल परियोजना शुरू की जा रही है। इसमें ग्रामीण जनजातीय युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रयोग के तौर पर देश का पहला प्रशिक्षण मध्य प्रदेश में हो रहा है। प्रदेश में सफलता के बाद इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा। 50 दिन का प्रशिक्षण शिविर रहेगा। जिसमें अलग-अलग विद्या का प्रशिक्षण दिया जाएगा। पहले चरण में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र और ओडिशा से चयनित 17 जिलों के 17 समूहों के लगभग 250 लाभार्थी शामिल होंगे। कार्यक्रम स्‍थल पर पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज ने लोक कलाकारों के साथ उनके पारंपरिक वाद्य यंत्र को बजाकर संगीत का आनंद लिया।

कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सौभाग्य से देश को ऐसे प्रधानमंत्री मिलते हैं। जो विजनरी भी हैं और विजन को पूरा करने के लिये उनके पास आइडिया भी हैं। प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में जनजातीय भाई-बहनों की जिंदगी बदलने का अभियान चल रहा है। मध्यप्रदेश में पेसा एक्ट लागू किया जा रहा है। वन ग्राम राजस्व ग्रामों में परिवर्तित किया गया है। आज मैं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री होने के नाते यह कह रहा हूं कि हमें ऐसे लाखों नौजवानों की जरूरत है जो जो गांवों में काम कर सकें। हर ग्राम पंचायत में 4 ग्रामीण इंजीनियर चाहिये। 22,800 हमारी ग्राम पंचायते हैं, यहां भी ग्रामीण इंजीनियर चाहिये।

उन्होंने आगे कहा कि हाथ में कौशल हो, तो आप प्राइवेट और सरकारी कार्य भी कर सकते हैं। जब तक अपने दिल में अपने गांव और शहर को बेहतर करने की तड़प पैदा नहीं होगी, तब तक परिवर्तन संभव नहीं है। हम सब मिलकर प्रयास करेंगे और अपने गांव एवं शहर को बदल देंगे। मध्यप्रदेश में कोविड-19 के विरुद्ध हमने जनभागीदारी का एक नया मॉडल खड़ा किया और लोगों ने सरकार के साथ मिलकर प्रयास किया। जनभागीदारी के इस मॉडल की देश में सराहना हुई। मध्यप्रदेश में तेजी से निवेश आ रहा है। मेरे बेटे-बेटियों, शहर में तो तुम्हें काम मिलेगा ही, साथ ही गांव में भी रहने वाले युवाओं को रोजगार मिले, हम यह सुनिश्चित करेंगे। हमने मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना बनाई है, जिसमें जनजातीय बेटा-बेटियों के लिए अलग कम्पोनेंट रखा है। उनको लोन, लोन की गारंटी देकर सशक्त बनाया जाएगा।

मुख्‍यमंत्री ने अपने संबोधन में आगे कहा कि मध्यप्रदेश में हमने गांव-शहर का गौरव दिवस मनाने का अभियान प्रारंभ किया, जिसके आश्चर्यजनक परिणाम सामने आए हैं। अब तक 4 हज़ार से अधिक गांव का गौरव दिवस मनाया जा चुका है। मध्यप्रदेश में हम सभी मिलकर इस प्रकल्प को सफल बनाएंगे। प्रदेश में हम ग्लोबल स्किल पार्क, मॉडल आइटीआइ बना रहे हैं, हमारे पास ऐसी संस्थाएं हैं जो व्यापक पैमाने पर स्किल्ड मैन पॉवर तैयार कर सकती हैं। उल्लेखनीय है कि जनजातीय क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाने पर चर्चा के लिए 40 सांसदों का दो दिवसीय सम्मेलन मुंबई में आयोजित किया गया था। जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ एवं सरकारी संगठनों ने अनुभव साझा किए थे। दो साल में इस विषय पर विशेषज्ञों, अनुसूचित जनजाति संगठनों के साथ चर्चा के बाद ‘संसदीय अनुसूचित जनजातीय क्लस्टर विकास परियोजना” का विचार आया।

 

Check Also

Kanpur: सब्जी विक्रेता आत्महत्या मामले पर मुख्यमंत्री ने लिया संज्ञान, गिरफ्तारी के दिए निर्देश

•चकरपुर मंडी चौकी प्रभारी सत्येंद्र कुमार यादव व सिपाही अजय यादव मृतक सुनील से वसूली …