द ब्लाट न्यूज़ । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोमवार को होने वाली नेपाल यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच ऊर्जा साझीदारी खासकर पनबिजली परियोजनाओं में निवेश और ऊर्जा व्यापार बढ़ाने के बारे में महत्वपूर्ण निर्णय हो सकते हैं।
विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने यहां प्रधानमंत्री की नेपाल यात्रा की जानकारी देने के लिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन में यह संकेत दिये। सर्वप्रथम प्रधानमंत्री की यात्रा के स्वरूप की चर्चा करते हुए कहा कि श्री मोदी सोमवार को सबसे पहले लुम्बिनी पहुंच कर मायादेवी के मंदिर में दर्शन एवं पूजन के लिए जाएंगे। इस स्थान को भगवान बुद्ध का जन्मस्थान माना जाता है।
श्री मोदी और नेपाल के प्रधानमंत्री शेरबहादुर देऊबा के साथ एक अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सांस्कृतिक एवं विरासत केन्द्र एवं सभा मंडप का उद्घाटन करेंगे। श्री मोदी की श्री देऊबा के साथ द्विपक्षीय मुलाकात भी होगी। दोनों प्रधानमंत्री लुंबिनी विकास ट्रस्ट के एक विशेष कार्यक्रम में शिरकत करेंगे जिसमें श्री मोदी का संबोधन होगा। दोनों नेता लुंबिनी क्षेत्र में भारतीय सहायता से बनने वाले एक विहार की आधारशिला भी रखेंगे।
विदेश सचिव ने बताया कि द्विपक्षीय बैठक में दोनों नेता श्री देऊबा की एक से तीन अप्रैल की भारत यात्रा के दौरान हुई बातचीत से आगे बात होगी जिसमें द्विपक्षीय संबंधों के समग्र आयामों पर चर्चा होगी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भारत-नेपाल के बीच संबंधों में ऊर्जा सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसमें नेपाल में नेपाल द्वारा निर्मित बिजली का भारत में आयात, नेपाल में भारत निर्मित भारत में लाना, भारत में निर्मित बिजली का नेपाल को निर्यात तीनों चीजें शामिल हैं। बैठक में इस पर चर्चा होना स्वाभाविक है।
उन्होंने कहा कि भारत एवं नेपाल के बीच ऊर्जा व्यापार में व्यापक संभावनाएं हैं। दोनों देशों के बीच अप्रैल में 360 मेगावाट बिजली के निर्यात का करार हुआ था। इस दिशा में अभी और कई मामलों पर बातचीत हो रही है। एक अन्य सवाल पर उन्होंने कहा कि पंचेश्वर बहुउद्देश्यीय परियोजना को लेकर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) बनते ही आगे का काम शुरू होने की उम्मीद है। इस समय दोनों देशों के विशेषज्ञ डीपीआर को अंतिम रूप देने का काम कर रहे हैं।
चीनी निवेश या चीनी तकनीक की मदद से बनने वाली बिजली के आयात पर रोक होने संबंधी एक प्रश्न के उत्तर में विदेश सचिव ने कहा कि भारत की ऊर्जा व्यापार नीति एवं दिशानिर्देश किसी देश को केन्द्रित करके नहीं बनाये गये हैं।
सूत्रों का कहना है कि भारत नेपाल से पनबिजली आयात बढ़ाने के लिए कोई समझौते पर सहमति दे सकता है जिससे उत्तर प्रदेश में बिजली की कमी पूरी हो सकेगी तथा नेपाल को भी विदेशी मुद्रा के संकट से निपटने में मदद मिल सकेगी।
भारत और नेपाल के बीच वर्ष 2015 में गठित गणमान्य लोगों के समूह (ईपीजी) की रिपोर्ट को लेकर एक सवाल के जवाब में श्री क्वात्रा ने कहा कि ईपीजी की रिपोर्ट हमने नहीं देखी है और जब वह रिपोर्ट हमें सौंपी जाएगी तो हम उसकी समीक्षा करेंगे।
श्री मोदी की यात्रा के लिए उनके भैरवा में चीन द्वारा नवनिर्मित नेपाल के दूसरे अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे का इस्तेमाल नहीं करने और प्रधानमंत्री के हैलीकॉप्टर से जाने के मुद्दे पर एक सवाल के जवाब में श्री क्वात्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री की लॉजिस्टिक संबंधी बातों के बारे में वह कुछ नहीं कहेंगे क्योंकि इसमें सुरक्षा का मुद्दा भी शामिल होता है।
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