कितने साल पुराने 200 कार्डबोर्ड के ट्रेन टिकटों का संग्रह…

द ब्लाट न्यूज़ । पुराने सिक्कों, डाक टिकट और अन्य पुरातन चीजों को सहेजकर रखने वाले कई लोग शहर में हैं। ऐसे ही शहर के एक शख्स हैं, जिन्होंने करीब 30 साल पुराने ट्रेन के टिकट सहेजकर रखे हैं। उस समय ये टिकट कार्ड बोर्ड के होते थे।
यहां हम बात कर रहे हैं बिजली वितरण कंपनी के जनसंपर्क अधिकारी अवधेश शर्मा का। शर्मा के पास 30 वर्ष पुराने रेल टिकटों का संग्रह है। ये टिकट तीन से लेकर 20 रुपए तक के हैं। रतलाम जिले के ताल के मूल निवासी और झाबुआ जिले के रायपुरिया, पेटलवाद में अध्ययन करने वाले शर्मा ने स्कूली और कॉलेज जीवन में रतलाम, आलोट, महिदपुर रोड, नागदा, बामनिया, मेघनगर, पिपलिया मंडी, नीमच, दलौदा, झालावाड़ रोड, सुआसरा, चित्तौडग़ढ़, जावरा, बडऩगर, चन्द्रावतीगंज इंदौर, उज्जैन, भोपाल आदि की यात्राएं की हैं।
उस वक्त कार्ड बोर्ड के बने टिकट खिडक़ी पर बुङ्क्षकग क्लर्क के पास होते थे। उस पर यात्रा तिथि भी अंकित की जाती थी। वर्ष 1991 से लेकर जब तक कार्ड बोर्ड वाले टिकट चलन में रहे व यात्रा की, वे सभी टिकिट शर्मा के पास सुरक्षित है। शर्मा का मानना है कि ये सुनहरी यादे हैं, प्रत्येक यात्रा का अपना वृतांत होता है, टिकट और यात्रा तारीख देकर यात्रा विशेष की यादें ताजा हो जाती हैं। सुकून का अनुभव होता है। लगभग 200 टिकटों का संग्रह है। सभी टिकट बचपन में गुल्लक के रूप में कार्य आने वाली छोटी पेटी में सुरक्षित रखे गए हैं। रेलवे स्टेशन पर वजन तोलने की मशीन के भी 80 टिकट भी इनके पास हैं। इन टिकटों पर वजन के हिसाब से भविष्य फल भी रोचक लिखा जाता रहा है।
टीसी से मांगकर रख लेते थे टिकट
शर्मा ने बताया, जब भी ट्रेन से यात्रा पूरी करने के बाद टीसी गेट पर टिकट की मांग करता था तो उन्हें टिकट बता दिया जाता था। बताकर संग्रहित करने का उद्देश्य का निवेदन किया जाता था। लगभग 98 फीसदी टिकट मुझे वापस दे देते थे। इसी कारण 200 टिकटों का संग्रहण हो पाया है।

 

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