आसमान से बरसी आग, सफारी हुआ वीरान…

द ब्लाट न्यूज़ । उत्तर प्रदेश में इटावा समेत अधिसंख्य इलाकों में भीषण तपिश पर्यटन उद्योग को बुरी तरह प्रभावित कर रही है। पर्यटकों से गुलजार रहने वाले सफारी पार्क में पर्यटकों के बगैर सन्नाटा पसरा है वहीं वन्यजीव भी गर्मी के कारण चहलकदमी की बजाय अपनी मांद में सुस्ताते नजर आ रहे हैं।

सफारी पार्क के क्षेत्रीय वन अधिकारी विनीत कुमार सक्सेना ने बताया कि पारे में लगातार हो रही बढोत्तरी से आम जनजीवन अस्त व्यस्त है। एक सप्ताह पहले जिले में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास था जो अब 45 डिग्री तक आ पहुंचा है। इसका प्रतिकूल असार पर्यटकों पर पड़ा है। सामान्य तापमान रहने पर करीब तीन सौ के आसपास पर्यटक आम दिनों में आया करते थे वहीं आज मात्र 22 पर्यटक ही सफारी की खूबसूरती का दीदार करने पहुंचे।

सक्सेना ने कहा कि अप्रैल माह के शुरू मे ही सफारी पार्क के वन्य जीवों की मुश्किलें बढ़ना शुरू हो गई है। अप्रैल के पहले सप्ताह में 42 डिग्री तापमान पहुंचने पर सफारी प्रबंधन चिंता मे पड गया। सफारी प्रबंधन ऐसा मानता है कि मई, जून मे तापमान में और अधिक हो सकता है। अगर वाकई मे ऐसा होता है तो वन्य जीवों के लिए मुश्किल होगी। सफारी प्रबंधन मान कर चला रहा है कि अप्रैल में वन्य जीवों को भीषण गर्मी से बचाने के लिए इंतजाम दिए गए हैं लेकिन अगर यह तापमान 45 डिग्री के उपर जाता है तो फिर वन्य जीवो को उनके बाड़े से निकालने पर विचार करना पड़ सकता है क्योंकि खुले में गर्मी का एहसास वन्य जीवों अधिक होगा।

लायन सफारी में फिलहाल 18 एशियाटिक शेर है। जो पर्यटकों के लिए सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र माना जाता है। इसके अलावा 3 भालू, 11 लेपर्ड, 86 काले हिरण, 50 स्पाटेड डियर, 13 सांभर,तीन तेंदुओं के अलावा एक चीता मौजूद है। 42 डिग्री तापमान को देखते हुए सफारी प्रशासन ने बाड़ों में कूलर लगाने का काम शुरू कर दिया है। कर्मियों को निर्देश दिए गए हैं कि खस की लगाई गई पटिटयों पर हर हाल मे पानी डाला जाए ताकि शेरों को गर्मी का एहसास न हो। ब्रीडिंग सेंटर और बाड़ों में घास की दीवार भी लगाई गई है। खुले में विचरण करने वाले जानवरों के लिए भी जगह-जगह पानी के इंतजाम किए हैं।

पार्क के उपनिदेशक अरूण कुमार सिंह ने बताया कि, भीषण गर्मी से सफारी के वन्य जीवों को बचाने के लिए व्यापक इंतजाम किये जा रहे है। शेरों को सुबह और शाम खुले पार्कों में छोड़ा जाता है। दिन में उनको कूलर की हवा में रखा जा रहा है। आन डयूटी सभी कर्मियों को इस बात के निर्देश दिए गए है कि गर्मी से वन्यजीवों को बचाने की दिशा मे जो दिशा निर्देश दिए गए हैं उनका हर हाल मे पालन किया जाना सुनिश्चत करें ताकि वन्य जीवों पर किसी भी प्रकार का कोई असर न पड़ सके।

 

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