द ब्लाट न्यूज़ । राजधानी में लगातार बढ़ती मांग के बाद भी सरकार बिजली उत्पादन के लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाई है। मास्टर प्लान 2021 का समय पूरा हो चुका है। उसमें सरकार अलग-अलग संयंत्रों से दिल्ली में 2030 मेगावाट बिजली उत्पादन के लक्ष्य में से सिर्फ 1371.2 मेगावाट का उत्पादन कर पाई है। वहीं, कुल बिजली खपत में सौर ऊर्जा की भागीदारी 20 फीसदी करनी थी, जिसे 4 फीसदी ही कर पाई है। यही वजह है कि कुल मांग की 78 फीसदी आपूर्ति दूसरे राज्यों से की जाती है।
दिल्ली सरकार ने बिजली की मांग को लेकर मास्टर प्लान 2041 की ड्राफ्ट योजना बनाई है। उसके मुताबिक बीते दस साल में दिल्ली में बिजली की मांग का चलन देखें तो इसमें हर साल चार फीसदी का इजाफा हो रहा है। विशेषज्ञ बताते हैं कि इतनी तेजी से जनसंख्या नहीं बढ़ रही है, जितनी तेजी से बिजली की मांग बढ़ी है। सरकार ने मास्टर प्लान-2041 में बिजली को लेकर आत्मनिर्भर बनने के लिए कुल मांग व खपत में 50 फीसदी सौर ऊर्जा उत्पादन की योजना बनाई है। मास्टर प्लान 2041 के मुताबिक, दिल्ली में 2031 तक पीक डिमांड 10 हजार 139 मेगावाट होगी। जबकि, 2041 तक यह बढ़कर 13438 मेगावाट तक पहुंच जाएगी। दिल्ली की कुल पीक डिमांड बीते साल 7323 मेगावाट तक पहुंच चुकी है। इस गर्मी में यह 7500 मेगावाट से अधिक तक जाने की संभावना है।
2500 मेगावाट सौर ऊर्जा से उत्पादन का लक्ष्य : मास्टर प्लान 2041 के मुताबिक वर्ष 2025 तक दिल्ली में 2500 मेगावाट बिजली का उत्पादन सौर ऊर्जा से किया जाएगा। इसके लिए सरकार दिल्ली सौर ऊर्जा नीति लेकर आई है। इसके अलावा 500 वर्गमीटर से अधिक निर्माण वाली संपत्तियों की छत पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगेंगे। खेतों में किसानों की आय बढ़ाने के लिए सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने की योजना पर काम चल रहा है। राजघाट स्थित पुराने बिजली संयंत्र को खत्म कर नया सौर ऊर्जा पार्क बनाने की भी योजना है। दिसंबर 2021 तक दिल्ली में छतों से 207 मेगावाट, मेट्रो के जरिए 280 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाता रहा है। इस साल के अंत तक इसे 1300 मेगावाट करने का लक्ष्य रखा गया है।
लोड शेडिंग से परेशान होती है दिल्ली : बिजली मांग पूरी करने के लिए कंपनियां दूसरे राज्यों पर निर्भर हैं। कई बार कंपनियों को महंगी दरों पर बिजली खरीदनी पड़ती है। लोड अधिक और मांग पूरी नहीं होने पर कई बार लोड शेडिंग के चलते बिजली कटौती होती है। दिल्ली में इस बार अधिकतम डिमांड अप्रैल में पांच हजार मेगावाट को पार कर गई है। इसके चलते कई इलाकों में कटौती भी हो रही है। बुराड़ी, उत्तर-पूर्वी जिला, कल्याणपुरी, त्रिलोकपुरी व जनकपुरी में कटौती की समस्या है।
मास्टर प्लान 2021 के तहत बिजली उत्पादन का लक्ष्य
बिजली संयंत्र लक्ष्य पूरा हुआ कारण
प्रगति-2 330 00 बमनौली में शिफ्ट किया गया। गैस नहीं मिलने के कारण गैस चालित संयंत्र शुरू नहीं हो पाया।
प्रगति-3 1000 1371.2 क्षमता बढ़ाकर 1500 मेगावाट किया गया मगगर 1371.2 का उत्पादन हो पा रहा है।
आईपी 700 000 पर्यावरण नुकसान के चलते मंजूरी नहीं।
कुल 2030 1371.2 —
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नोट: बिजली यूनिट मेगावाट में है।
दिल्ली में वर्षवार बढ़ती बिजली की मांग
वर्ष पीक डिमांड (मेगावाट) खपत (मेगा यूनिट)
2021-22 7323
2020-21 6314 29511
2019-20 7409 33082
2018-19 7016 32360.8
2017-18 6526 31, 873.6
नोट: एक मेगा यूनिट में एक मिलियन यूनिट यानी एक करोड़ यूनिट।