द ब्लाट न्यूज़। आवासन और शहरी मामले मंत्रालय के सचिव व एनसीआरटीसी के अध्यक्ष मनोज जोशी ने एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह के साथ दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के चल रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। उनके निरीक्षण के शुरुआत सराय काले खां आरआरटीएस स्टेशन से हुई और समापन दुहाई डिपो पर हुआ। सराय काले खां के बाद उन्होंने यमुना नदी पर आरआरटीएस पुल के निर्माण और आनंद विहार आरआरटीएस स्टेशन का भी जायजा लिया। इसके बाद उन्होंने परियोजना के लिए कार्यरत कास्टिंग यार्ड के बाद बिजली आपूर्ति के लिए बनाए गए गाजियाबाद रिसीविंग सब स्टेशन (आरएसएस) की भी समीक्षा की।
सचिव ने गुलधर आरआरटीएस स्टेशन और उसके पास चल रहे ट्रैक बिछाने के कार्य का निरीक्षण किया। एनसीआरटीसी के प्रबंधन निदेशक ने बताया कि 82 किमी लंबे कॉरिडोर के लिए वायडक्ट के सुपर स्ट्रक्चर के निर्माण के लिए 23वां लॉन्चिंग गैन्ट्री (तारिणी) को हाल ही में स्थापित किया गया है। किसी भी शहरी परिवहन प्रणाली के निर्माण में इतने बड़े पैमाने पर संसाधनों की तैनाती देश में पहली बार की जा रही है।
सचिव ने साइट पर कार्यरत इंजीनियरों से बातचीत की और कॉरिडोर के कार्यान्वयन में आ रही उनकी चुनौतियों को समझा। सचिव को एनसीआरटीसी द्वारा निर्माण के दौरान स्थानीय जनता को न्यूनतम असुविधा सुनिश्चित करने के लिए किए जा रहे विभिन्न उपायों के बारे में भी बताया गया। जिसमें बैरिकेडिंग जोन के भीतर किए जा रहे निर्माण, यातायात के प्रबंधन के लिए ट्रैफिक मार्शल की तैनाती आदि शामिल हैं। निरीक्षण दुहाई डिपो में पूरा हुआ।, जिसमें सचिव ने निर्माण प्रगति, प्रशासनिक भवन, चल रहे विद्युत कार्य, ट्रैक बिछाने की गतिविधियों और आरआरटीएस ट्रेन के प्रोटोटाइप की समीक्षा की।