देश में बुजुर्गों की बढ़ती संख्या के साथ सरकार अब उनके बेहतर प्रबंधन में भी जुट गई है। इसके तहत देश भर में उनसे जुड़ी सुविधाओं को विस्तार दिया जा रहा है। जिसमें वृद्धाश्रमों का निर्माण, बुजुर्गों के उपचार के लिए अस्पतालों में जेरिएट्रिक वार्ड का निर्माण आदि शामिल है। हालांकि अब इससे एक कदम और आगे बढ़ते हुए सरकार ऐसे बुजुर्गों को रोजगार मुहैया कराने की भी तैयारी में है, जो सेवानिवृत्त के बाद कभी सक्षम हैं और दक्षता के साथ नौकरी करना चाहते है। ऐसे बुजुर्गों की मदद के लिए जल्द ही वह आनलाइन रोजगार कार्यालय खोलने जा रही है। जहां बुजुर्ग अपना रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के मुताबिक ऊर्जावान और मजबूत इच्छाशक्ति वाले ऐसे सभी बुजुर्गों को रोजगार मुहैया कराने की योजना पर तेजी से काम किया जा रहा है। इसके साथ ही सीआईआई, फिक्की जैसे संस्थानों के साथ साथ निजी कंपनियों से भी कुछ ऐसी नौकरियां सृजित करने के लिए कहा है, जो बुजुर्गों के लिए उपयुक्त हो। इसके साथ ही बुजुर्ग स्वयं सहायता समूह बनाकर रोजगार के लिए भी प्रेरित किया है।
रोजगार कार्यालय सीधे कंपनियों और उद्योगों से जुड़ा होगा
मंत्रालय ने यह जानकारी हाल ही में मंत्रालय से जुड़ी स्टैंडिंग कमेटी के सामने भी रखा है। बुजुर्गों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर आनलाइन रोजगार कार्यालय में कोई भी बुजुर्ग अपने अनुभव के आधार, विशेषज्ञता आदि की जानकारी के साथ रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। यह रोजगार कार्यालय सीधे कंपनियों और उद्योगों से जुड़ा होगा। अपनी जरूरत को देखते हुए कंपनियां बुजुर्गों को सीधे नौकरी का प्रस्ताव दे सकेंगी।
इसके साथ ही यदि बुजुर्ग अपना कोई स्वयं सहायता समूह भी शुरू करना चाहते है, तो भी वह इस पोर्टल के जरिए प्रस्ताव कर सकेंगे। हालांकि, इसके लिए समूह के सभी सदस्यों का बुजुर्ग होना जरूरी होगा। मंत्रालय ऐसे प्रस्तावों को आगे बढ़ाने में मदद देगा।
गौरतलब है कि मौजूदा समय में देश में बुजुर्गों (साठ साल से ज्यादा) की कुल आबादी करीब 14 करोड़ है। जो देश की कुल जनसंख्या का करीब दस फीसद है। एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2050 तक देश में बुजुर्गों की कुल आबादी तीस करोड़ से ज्यादा हो जाएगी। बुजुर्गों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार ने हाल ही में कुछ ऐसे स्टार्टअप को मदद के लिए हाथ बढ़ाया था, जो बुजुर्गों से जुड़े उत्पाद तैयार करते है।