वाणिज्य समाज की भलाई के लिए माध्यम को एक नयी दिशा दी…

द ब्लाट न्यूज़ । जिंदल स्कूल ऑफ बैंकिंग एंड फाइनेंस (जेएसबीएफ), ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेजीयू) और एल्बर्स स्कूल ऑफ बिजनेस एंड इकोनॉमिक्स, सिएटल यूनिवर्सिटी, अमेरिका ने वाणिज्य का सामाजिक प्रभाव: सततता, प्रौद्योगिकी और सामाजिक भलाई विषय पर दो दिवसीय वर्चुअल सम्मेलन का संयुक्त आयोजन किया। नीति आयोग के प्रमुख (अर्थशास्त्र और वित्त) अजीत पई सम्मेलन के मुख्य वक्ता थे। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि यदि हमारा इरादा निरंतर विकास करना और प्रौद्योगिकी को एक माध्यम के रूप में उपयोग करने का है, तो वाणिज्य सामाजिक भलाई करने का एक साधन है। उन्होंने कहा, उन्होंने कहा कि वैश्विक व्यापार और वाणिज्य यह सुनिश्चित करने का एक शानदार तरीका है कि दुनिया भर में संघर्ष कम हो और सभी के जीवन की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हो। जनसंख्या और जनसांख्यिकी आर्थिक विकास की मुख्य कुंजी हैं लेकिन इसे जीडीपी और प्रति व्यक्ति आय के आधार पर देखें तो व्यापार जीवन की समग्र गुणवत्ता और प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि के साथ संबंधित है। यह जीवन की गुणवत्ता और सामाजिक प्रभाव का एक मूल चालक है। जिन देशों ने व्यापार को अपनाया, वे भारत की तुलना में बहुत तेजी से आगे बढ़े। उन्होंने कहा, उदारीकरण के बाद, भारत ने अपनी प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद को लगभग तीन गुना कर दिया, जो व्यापार में सांख्यिकीय रूप से सुधार की वजह से संभव हुआ है। वाणिज्य और सामाजिक भलाई में तेजी लाने में प्रौद्योगिकी सक्षम है। विकास की निरंतरता के साथ-साथ पर्यावरण जागरूकता अच्छी है और इसी विषय पर यह सम्मेलन केंद्रित है। जेजीयू का जिंदल स्कूल ऑफ बैंकिंग एंड फाइनेंस और सिएटल यूनिवर्सिटी का अल्बर्स स्कूल ऑफ बिजनेस एंड इकोनॉमिक्स स्थिरता, फिनटेक, असमानता और वित्तीय समावेशन के समकालीन मुद्दों पर छात्रों और शिक्षकों के सार्थक जुड़ाव में ²ढ़ विश्वास रखते हैं। यह संयुक्त सम्मेलन कई सह प्रयासों और पहलों में से एक है, जिस पर दोनों संस्थान काम कर रहे हैं। अन्य सत्रों में न्यू डायरेक्शंस इन फाइनेंस: द गुड, द बैड एंड द अग्ली, बिजनेस एंड ईएसजी स्टैंडर्डस : ट्रांजिशनिंग टुवर्डस सस्टेनेबिलिटी, भारत में एमएसएमई पर ई-कॉमर्स का प्रभाव और वित्तीय समावेशन को प्राथमिकता देना जैसे विषयों पर चर्चा हुई। पैनलिस्ट में अमेजॅन वेब सर्विसेज के प्रधान प्रबंधक शिआओचेन झांग, अल्बर्स स्कूल ऑफ बिजनेस एंड इकोनॉमिक्स(सिएटल यूनिवर्सिटी) की एसोसिएट प्रोफेसर कैथी जुयिंग काओ, ग्रोथ, मैटरपोर्ट, के उपाध्यक्ष जॉन मैरोन, शुक लिन एंड बोक, सिंगापुर के पार्टनर जोसेफ शुन ,जेपी मॉर्गन चेज में कार्यकारी निदेशक, मार्केट डायरेक्टर (बैंकिंग) जैसन जे शेन, सेंट्रल एरिया कोलैबोरेटिव में प्रोग्राम मैनेजर डेनिस कॉमर, सीनियर बिजनेस लेंडर चे वोंग, इक्विटेबल लेंडिंग प्रोग्राम मैनेजर, क्राफ्ट3 आदि शामिल थे। सम्मेलन के उद्घाटन भाषण में प्रोफेसर (डॉ.) सी. राज कुमार, संस्थापक कुलपति, ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी ने कहा, यह कभी-कभी ही दिखता है कि बिजनेस स्कूल और फाइनेंस स्कूल स्थिरता और व्यवसायों की सामाजिक जिम्मेदारी कैसे होती है जैसे सामाजिक भलाई से संबंधित मुद्दों पर नेतृत्व प्रदान करते हैं। मुझे बहुत खुशी है कि डीन जोसेफ फिलिप्स और उनके सहयोगियों प्रो मीनाक्षी ऋषि और प्रो अजय अब्राहम के नेतृत्व में हम अपेक्षाकृत कम समय में इस सम्मेलन आयोजित कर पाये हैं। उन्होंने कहा, सतत विकास और स्थिरता से संबंधित मुद्दे कई चीजों से जुड़े हैं, जो हम विश्वविद्यालय के भीतर करते हैं। मुझे यह देखकर खुशी हो रही है कि आज हम स्थिरता, प्रौद्योगिकी और सामाजिक भलाई तथा वाणिज्य को बढ़ावा देने के इसके भविष्य और समाज पर इसके प्रभाव को समझने के लिये सिएटल विश्वविद्यालय के अल्बर्स स्कूल ऑफ बिजनेस एंड इकोनॉमिक्स के साथ सहयोग कर रहे हैं। सिएटल विश्वविद्यालय के अध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ.) एडुआडरे एम. पेनालवर ने कहा, मैं ओपी जिंदल के साथ इस सहयोग को लेकर बहुत उत्साहित हूं ,क्योंकि मैं आपके संस्थान में नवाचार और मानव जुड़ाव दोनों के लिये एक समान प्रतिबद्धता देखता हूं। संवैधानिक लोकतंत्रों के रूप में हमारे देश बहुलवाद और स्वतंत्र जांच के प्रति प्रतिबद्धता साझा करते हैं । हमें एक दूसरे से बहुत कुछ सीखने की जरूरत है और मुझे विश्वास है कि यह सम्मेलन इसका एक उपयोगी उदाहरण साबित होगा। उन्होंने कहा, सिएटल विश्वविद्यालय वर्तमान में हमारे स्नातक पाठ्यक्रम को फिर से तैयार कर रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हमारे छात्र तेजी से तकनीकी परिवर्तन, आर्थिक और नस्लीय असमानता और इक्विटी के बीच संबंधों की गहरी समझ के साथ स्नातक हों। लगभग दैनिक आधार पर हम प्रौद्योगिकी और वाणिज्य के प्रभाव को सामाजिक भलाई और अपने भविष्य पर देखते हैं। जिंदल स्कूल ऑफ बैंकिंग एंड फाइनेंस के डीन, प्रोफेसर (डॉ.) आशीष भारद्वाज ने छात्रों और संकाय सदस्यों के लिये सीखने के अवसरों को बढ़ाने के लिये भारत और अमेरिका के प्रशांत पश्चिमोत्तर प्रांतों के शैक्षणिक संस्थानों के बीच सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, उच्च शिक्षा में हम सभी समझते हैं कि एक विश्व, एक व्यक्ति के रूप में हमारी ताकत उस सफलता से अटूट रूप से जुड़ी हुई है , जिसे हम लोगों को उनके विभिन्न विषयों के बावजूद एक साथ लाकर प्रदर्शित करते हैं। उन्होंने कहा, समस्या को सामूहिक रूप से हल करना ही आगे बढ़ने का एकमात्र तरीका है क्योंकि हम एक साथ भविष्य का सामना करते हैं। मुझे खुशी है कि हम स्थिरता के बारे में बात करने के लिये विद्वानों और पेशेवरों को एक साथ लाने में सक्षम हुये, जिन्होंने वित्त में नई दिशाओं के बारे में भी चर्चा की। यह समझना भी महत्वपूर्ण है कि छोटे व्यवसाय और कम आय वाले परिवार महामारी से कैसे प्रभावित हुये हैं और हम डिजिटल परिवर्तन और वित्त के डिजिटलीकरण के लाभ उन तक पहुंचाने के लिये क्या कर सकते हैं। मुझे आशा है कि जेजीयू के स्कूल ऑफ बैंकिंग एंड फाइनेंस और सिएटल यूनिवर्सिटी के अल्बर्स स्कूल के फैकल्टी और छात्र एक साथ ऐसे मुद्दों पर काम कर सकते हैं। सिएटल विश्वविद्यालय में अल्बर्स स्कूल ऑफ बिजनेस एंड इकोनॉमिक्स के डीन प्रोफेसर डॉ जोसेफ फिलिप्स ने कहा, व्यापार क्षेत्र और बिजनेस स्कूलों में व्यापक बदलाव के बीच हुआ यह सम्मेलन बहुत ही सामायिक है। व्यवसायों की बढ़ती संख्या यह बताती है कि उनकी सफलता को सिर्फ शेयरधारक से नहीं जोड़ा जा सकता है बल्कि एक सफल व्यवसाय को कई हितधारक समूहों जैसे कर्मचारी, ग्राहक, साझेदार, जिस समुदाय में वह संचालन कर रहा है, उन सबके प्रति जिम्मेदार होना चाहिये।

 

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