नई दिल्ली। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय राजीव भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री हारुन यूसूफ ने कहा कि केन्द्र व दिल्ली सरकार की मुनाफाखोरों से मिलीभगत के चलते देश सहित दिल्ली में पेट्रोल, डीजल, सीएनजी सहित रसोई गैस और पीएनजी की दरों में लगातार वृद्धि के कारण हो रही कमरतोड़ मंहगाई, बढ़ती बेरोजगारी और घटती आय से गरीब, मजदूर निम्न व मध्यम वर्ग अपनी अजीविका चलाने में पूरी तरह से मजबूर दिखाई पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि खाद्य तेल, तिलहन, दालों और सब्जियों सहित रोजमर्रा की वस्तुओं के दामों में बढ़ोतरी से हुई मंहगाई से गरीब आदमी पूरी तरह से त्रस्त है। हारुन यूसूफ ने प्रधानमंत्री मोदी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल से मांग की देश और दिल्ली वासियों को को राहत देने के लिए दौड़ती मंहगाई पर लगाम लगाऐं।
संवाददाताओं को सम्बोधित करते हुए हारुन यूसूफ ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल गरीबों की बात करने की बजाय गरीबों की मदद करने में संवेदनशीलता दिखाऐं, क्योंकि केन्द्र और दिल्ली सरकार की मुनाफाखोरों को खुल छूट देने के बाद दिल्ली में मंहगाई का बुरा हाल है, गरीब मरता जा रहा है। हारुन यूसूफ ने कहा अडानी कम्पनी के फॉरचून रिफाईड आयल के पैकेट दिखाते हुए कहा कि आज यह रिफाईड आयल 190 रुपये प्रति लीटर है। उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष में पेट्रोल डीजल रसोई गैस की कीमतों के साथ-साथ तेल तिलहन दालों और सब्जियों के दाम भी 50-100 प्रतिशत तक बढ़े है, जिसके कारण गृहणी के रसोई बजट की कमर टूट गई है।
हारुन यूसूफ ने कहा कि मंहगाई को नियंत्रण करने के लिए कांग्रेस की दिल्ली सरकार ने दिल्लीवालों को राहत देने हेतू दिल्ली में विधानसभा/वार्ड स्तर पर स्टॉल लगाकर प्याज, दाले, तेल अथवा सब्जियां तक मार्केट रेट से 20 से 25 रुपये तक कम दामों पर जनताबेचती थी। उन्हांने कहा कि कांग्रेस की दिल्ली सरकार पूरी दिल्ली में जरुरत के सामान अपने गोदामों में सुरक्षित रखकर हर दिल्लीवासी को सस्ती दरों पर उपलब्ध कराती थी ताकि मंहगाई से मदद मिल सके। उन्होंने कहा कि आज मंहगाई से हाहाकार मंचा हुआ है और केजरीवाल मंहगाई से बेपरवाह गोवा और उत्तराखंड के बेरोजगार युवाओं को 5000 रुपये मंहगाई भत्ते और 300 यूनिट बिजली फ्री देने के साथ वहां के लोगों से कभी न पूरे होने वाले वायदे कर रहे है। श्री यूसूफ ने दिल्ली सरकार से मांग की कि दिल्लीवालों को मंहगाई से तुरंत राहत देने के लिए सरकारी स्टॉल विधानसभा क्षेत्रों में खोलकर बाजार भाव से सस्ते दामों पर सब्जियां, दाले आदि वस्तुए उपलब्ध कराई और पेट्रोल और डीजल पर वेट की दरें कम करके कांग्रेस सरकार के वसूले जाने वाले वेट टैक्स के बराबर करें, जबकि कांग्रेस काल में पेट्रोल पर वेट 20 प्रतिशत और डीजल पर 12.5 प्रतिशत वसूला जाता था।
हारुन यूसूफ ने कहा कि पिछले 7 वर्षों में डीजल और पेट्रोल पर एक्साईज ड्यूटी के रुप में केन्द्र सरकार ने 23.25 लाख करोड़ और दिल्ली सरकार ने वेट के रुप में 25000 करोड़ रुपये एकत्रित किए है, क्योंकि उपभोक्ताओं को पेट्रोल और डीजल की कीमत का 50 प्रतिशत हिस्सा टैक्सों के रुप में भुगतना पड़ रहा है। श्री यूसूफ ने कहा कि केन्द्र और दिल्ली सरकार की बढ़ती मंहगाई को नियंत्रित करने की असंवेदनशीलता के चलते आज हर वर्ग घर से सड़क तक पूरी तरह प्रभावित हो रहा है। सरकारों द्वारा रसोई गैस पर सब्सिडी समाप्त करने के बाद सिलेंडर 899.50 रुपये में मिल रहा है जबकि पेट्रोल और डीजल के दाम अधिकतर राज्यों में 100 रुपये के पार पहुच गए है।