पीएम मोदी ने दिखाई राह तो आसान हुई मंजिल,भारत ने वैक्सीनेशन के मामले में अमेरिका को भी पीछे छोड़ा
जनवरी 2020 में जब दुनिया के कई देश कोरोना महामारी की चपेट में आने लगे थे तब भारत ने शुरुआत में ही इसको रोकने के लिए कड़े कदम उठाए थे। इसके तहत पीएम मोदी ने कड़े फैसले लेते हुए देश व्यापी लाकडाउन की घोषणा की थी। धीरे-धीरे इसको आगे बढ़ाया गया। इसके सकारात्मक नतीजे सामने आने के बाद धीरे-धीरे इसमें ढील दी गई। सरकार के समक्ष पटरी से उतर चुकी अर्थव्यवस्था को दोबारा पटरी पर लाना बड़ी चुनौती थी। इसके लिए दो चीजें जरूरी थीं। पहला देश को सामान्य स्थिति में लाना तो दूसरी थी देश के लोगों के जीवन की सुरक्षा। इन दोनों को ही पीएम मोदी ने बखूबी पूरा किया। अब तक कोरोना रोधी वैक्सीन की कुल 97.52 करोड़ डोज लगाई गईं.
आरोग्य सेतु एप लांच
2 अप्रैल 2020 को पीएम मोदी ने देश में आरोग्य सेतु एप को लांच किया, जिससे इस बात का पता लगाया जा सकता था कि हमारे आसपास कौन संक्रमित है। साथ ही इससे देश को निष्पक्ष रूप से इसकी जानकारी, बचाव और इलाज की भी जानकारी दी गई। केंद्र सरकार के इस प्रयास को न सिर्फ देश में लोकप्रियता मिली बल्कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने भी इसका जिक्र अपने संबोधन में किया। भारत उस वक्त उन गिने चुने देशों में शामिल था जिन्होंने महामारी को खत्म करने के लिए तकनीक का सहारा लिया था।
लगातार की बैठक लिया हालात का जायजा
पीएम मोदी ने लगातार देश को इस महामारी से उबारने के लिए वर्चुअल बैठकें की और दिग्गजों से सुझाव भी मांगे। उन्होंने वैक्सीन उत्पादन को तय समय तक करने और इसका वितरण सुनिश्चित करने की राह आसान बनाई। इतना ही नहीं उनके मार्ग दर्शन में देश ने न सिर्फ अपने लोगों का जीवन बचाने के लिए सभी तरह के जरूरी सामान बाजार में उपलब्ध करवाए बल्कि दूसरे देशों को भी इनका निर्यात किया।
जब लगा पहला टीका
पीएम मोदी के दिखाए मार्गदर्शन और देश के वैज्ञानिकों के प्रयासों की बदौलत 16 जनवरी 2021 को भारत में कोरोना वैक्सीन का पहला टीका लगा। इस टीके को लेने वाले 34 वर्षीय सफाई कर्मी मनीष कुमार थे। उन्हें दिल्ली स्थित एम्स में इसकी पहली डोज दी गई थी। इसके साथ ही भारत ने विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण की भी शुरुआत कर दी थी। यहां से ही भारत ने इस जानलेवा महामारी से उबरने की तरफ कदम आगे बढ़ा दिए थे।
लगातार किया जनता को जागरुक
पीएम मोदी ने महामारी के दौरान देश और देश की जनता को इसके प्रति जागरुक रहने और सतर्क रहने की लगातार मुहिम चलाई। उन्होंने देशवासियों को नारा दिया जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं। उन्होंने देशवासियों से मुंह पर मास्क लगाने, गैरजरूरी चीजों के लिए घर से बाहन न निकलने, एक दूसरे से दूरी बनाए रखने और लक्षण के साथ ही डाक्टर को दिखाने के लिए लोगों को जागरुक किया। जिस वक्त देश की जनता में कोरोना वैक्सीन की कीमत और इसकी उपलब्धता को लेकर बहस छिड़ी थी उस वक्त केंद्र ने सभी का फ्री में वैक्सीनेशन का एलान कर देश की जनता को बड़ी राहत दी थी।
देश और दुनिया को महामारी से निकालने में योगदान
महामारी से देश और पूरे विश्व को निकालने के मकसद से शुरू किए गए विश्व स्वास्थ्य संगठन की गावी योजना से जुड़कर भारत विश्व के जनकल्याण को कदम आगे बढ़ाए। भारत ने इसके लिए वैक्सीन को दूसरे देशों में मदद और व्यवसायिक तरीके से भी भेजा। अपने पड़ोसी देशों को भी मानवता और जरूरत के आधार पर वैक्सीन दी गई। 1 मार्च को पीएम मोदी ने कोवैक्सीन की पहली डोज लेकर उन लोगों को चुप कर दिया जो वैक्सीन को लेकर गलत प्रचार और प्रसार कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश को महामारी से बाहर निकालने के लिए वैक्सीन जल्द से जल्द लगवाएं। उनके एक बाद एक के बाद एक दूसरे केंद्रीय मंत्रियों ने भी वैक्सीन लगवाई और बताया कि ये पूरी तरह से सेफ है। अप्रैल 2021 में पीएम मोदी ने वैक्सीन की दूसरी डोज लेने के बाद कहा कि इसका पता ही नहीं चला।
वैक्सीनेशन में मील का पत्थर
जून के अंत भारत ने वैक्सीनेशन के मामले में अमेरिका को भी पीछे छोड़ दिया था और जुलाई में भारत ने 50 करोड़ वैक्सीन लगाने के आंकड़े को पार कर लिया था। उस वक्त पीएम मोदी ने खुशी जताते हुए कहा था कि ‘भारत का टीकाकरण अभियान गति पकड़ रहा है, इसके लिए सभी को बधाई। सितंबर 2021 में जब भारत ने वैक्सीन की 75 करोड़ डोज देने के आंकड़े को छुआ तो इसकी तारीफ विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी की थी। उस वक्त डब्ल्यूएचओ के दक्षिणपूर्व एशिया कार्यालय की क्षेत्रीय निदेशक पूनम खेत्रपाल ने एक बयान में कहा था कि भारत को पहली 10 करोड़ खुराके लगाने में 85 दिन लगे थे लेकिन 65 करोड़ से 75 करोड़ पहुंचने में महज 13 दिन लगे। अब देश 100 करोड़ का आंकड़ा छूने से कुछ ही दूर है।