आजमगढ़। दुर्गा पूजा के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में रामलीला मंचन देखने को लेकर उत्साह है।अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग मंचन किया जा रहा है।शहर के पुरानी कोतवाली पर आयोजित रामलीला में श्रीराम-बालि संवाद का मंचन किया गया।
सरायमीर : श्रीरामलीला सेवा समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम के छठवें दिन ठाकुरद्वारा से श्रीराम-जानकी का रथ निकाला गया, जिसके सारथी समिति के उपाध्यक्ष अभिमन्यु बरनवाल बने। नगर के मुख्य चौक पर आकाश मार्ग में जटायु द्वारा रावण की राह रोकने और युद्ध का मंचन किया गया। जटायु ने नीति का महत्व बताते हुए रावण को सीता हरण करने से रोका, तो रावण ने जटायु को युद्ध के लिए ललकारा। रावण से युद्ध करते-करते पक्षीराज मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं।भगवान श्रीराम-लक्ष्मण द्वारा उनकी अंत्येष्टि की जाती है।इस दौरान राम नाम का जयकारा लगता रहा। रामप्रकाश यादव, डा. रामकुमार सोनी, राजन बरनवाल, हरिनाथ गुप्ता, राजकिशोर चौरसिया, रामभुवन मौर्या, राजेश यादव, अखिलेश जायसवाल, मिठाई लाल सेठ, केशव मद्धेशिया आदि उपस्थित रहे।
फूलपुर : मंगलवार की रात सीता हरण का मंचन किया गया। रावण के निर्देश पर मामा मारीच स्वर्ण मृग का वेश बनाकर भगवान राम, सीता और लखन के सामने विचरण करने लगा, जिसे देखकर सीता ने भगवान राम से स्वर्ण मृग प्राप्त करने की इच्छा व्यक्त की। भगवान राम पकड़ने के लिए जंगल में चले गए। वहीं काफी देर होने पर माता सीता की आज्ञा से कुटी के बाहर रेखा खींचकर लक्ष्मणराम की तलाश में निकल गए। उधर रावण साधु वेश में भिक्षा मांगने सीता के पास पहुंचा और सीता जी के लक्ष्मण रेखा पार करते ही हरण करके असली रूप में आ गया। रावण का अभिनय अमर सिंह, सीता की भूमिका अनुराग पांडेय, राम की भूमिका में विशाल प्रजापति, लक्ष्मण की भूमिका में रितेश रावत रहे। जहानागंज : बरहतिर जगदीशपुर की रामलीला में मंगलवार की रात सुपर्णखा के नाक-कान काटने, खर-दूषण वध एवं सीता हरण का मंचन किया गया।