वाराणसी । वर्तमान में सर्वाइकल कैंसर एवं हार्मोन असंतुलन बढ़ता हुआ महामारी का रूप ले चुका है। इससे महिलाओं एवं युवा लड़कियों का एक बहुत बड़ा वर्ग पीड़ित है। ये उद्गार प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. श्वेता राय के है।
डॉ राय बुधवार को महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में खुले महिला सशक्तिकरण प्रकोष्ठ के उद्घाटन के अवसर पर मौजूद लोगों को सम्बोधित कर रही थी। प्रदेश सरकार की ओर से संचालित मिशन शक्ति फेस 3 के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि खानपान में सतर्कता एवं लक्षण की पहचान होने पर त्वरित डॉक्टर से परामर्श लेकर हम इस महामारी पर विजय हासिल कर सकते हैं। बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाना भी आवश्यक है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी ने कहा कि आज समाज की यह विडंबना है कि महिला को जननी कहा जाता हैं, उसकी पूजा होती हैं। इसके बावजूद आज हमें महिला सशक्तिकरण की बात करनी पड़ रही है। आज हमें यह समझना होगा कि महिला सभी क्षेत्रों में पुरुषों के समान ही प्रतिभावान हैं। हमें समाज को प्रेरित करना है ताकि समाज में महिलाओं को उतना सम्मान मिले जिसकी वह हकदार है।
कुलपति ने कहा कि इसी तरह एक दिन आएगा जब महिलाओं का सम्मान हर जगह होगा और वह स्वयं में स्वावलंबी बन जाएगी। तब कहीं हमें सशक्तिकरण की बात नहीं करनी पड़ेगी। कार्यक्रम में विद्यापीठ की कुलसचिव डॉ. सुनीता पांडेय, महिला शक्ति फेस 03 की नोडल अधिकारी डॉ. निशा सिंह ने भी विचार रखा। कार्यक्रम का संचालन डॉ. किरण सिंह और धन्यवाद ज्ञापन डॉ नीरज धनकड़ ने किया। कार्यक्रम में विद्यापीठ कुलानुशासक प्रो. निरंजन सहाय, डॉ. के. के सिंह, डॉ. संगीता घोष, डॉ. सुनील विश्वकर्मा, डॉ. अर्चना गोस्वामी, डॉ. अभिलाषा जयसवाल, डॉ. सुरेखा जायसवाल ने भी भाग लिया।