लातूर जिले के दूरदराज गांव को मिला मुफ्त वाई-फाई कनेक्शन

लातूर । महाराष्ट्र के लातूर जिले का एक गांव मुफ्त वाई-फाई कनेक्शन पाने वाला पहला ऐसा गांव बन गया है, जहां के विद्यार्थी अब नेटवर्क की चिंता किए बिना ऑनलाइन कक्षाएं ले पाएंगे। प्रखंड विकास अधिकारी (बीडीओ) मनोज राउत ने कहा कि मुफ्त इंटरनेट सेवा देते वक्त अनावश्यक साइटों को ब्लॉक कर दिया गया है। राउत ने कहा, ‘यह पहल संभागीय आयुक्त सुनील केंद्रेकर द्वारा प्रस्तावित ‘सुंदर माझा गांव’ (मेरा सुंदर गांव) कार्यक्रम का हिस्सा है और जिला परिषद के सीईओ अभिनव गोयल की बाला (शिक्षण सहायता के रूप में निर्माण) पहल है, जिसका उद्देश्य गांव को एक स्मार्ट मॉडल गांव के रूप में विकसित करना है।’ नागतीर्थवाड़ी गांव के निवासी सरिता यालमते ने बताया कि उसके जैसी गृहणियों को पहले हॉटस्पॉट का इस्तेमाल कर इंटरनेट तक पहुंच के लिए पतियों पर आश्रित रहना पड़ता था लेकिन अब ग्राम पंचायत द्वारा निशुल्क वाई-फाई सुविधा मुहैया कराए जाने के कारण उन्हें पतियों का इंतजार नहीं करना पड़ता। अधिकारियों ने बताया कि अन्य पहलों में, हर सुबह धार्मिक गीत और प्रार्थना के लिए गांव भर में 12 साउंड स्पीकर लगाना शामिल है। इसके अलावा, हर सुबह और शाम समाचार बुलेटिन प्रसारित किए जाते हैं। अधिकारियों ने कहा कि इस सुविधा का उपयोग ग्रामीणों को कुछ महत्वपूर्ण निर्देश देने के लिए भी किया जाता है। उन्होंने बताया, ‘ग्राम पंचायत की वार्षिक तीन लाख रुपये की आय को बढ़ाने के लिए बंजर भूमि में 220 इमली के पेड़ लगाए गए जिससे भविष्य में आठ से 10 लाख रुपये की आय हो सके। गांव ने 2017 में ‘पानी फाउंडेशन’ द्वारा आयोजित एक प्रतियोगिता में भाग लिया था और पांच लाख रुपये का पुरस्कार जीता था।’ साथ ही पर्यावरण की रक्षा के लिए वट पूर्णिमा के अवसर पर 101 महिलाओं ने इन इमली के पेड़ों के चारों ओर 101 बरगद के पौधे लगाए। बीडीओ ने बताया कि ग्राम पंचायत ने 11 सितंबर से सभी लेन-देन को कागज रहित बनाने का फैसला किया है। इस गांव को भारतीय जनता पार्टी (भजापा) की महाराष्ट्र इकाई के सचिव अरविंद पाटिल निलंगेकर ने गोद लिया था।

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