बिहार में पिछले कुछ दिनों से जातीय जनगणना का मुद्दा छाया हुआ है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे मिलने का समय मांगा है। उन्हें बेशक अबतक इसका जवाब नहीं मिला लेकिन आज एक्नॉलेजमेंट प्राप्त हो गया है। इसके अलावा एक कार्यक्रम में बिहार की उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने जातिगत जनगणना पर बड़ा बयान दिया है।
सीएम नीतीश को मिला एक्नॉलेजमेंट
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शनिवार को पीएम मोदी को भेजे गए पत्र का एक्नॉलेजमेंट मिल गया है। यानी प्रधानमंत्री को यह पत्र प्राप्त होने के बाद वहां से मुख्यमंत्री को इसकी सूचना भेज दी गई है। बता दें सीएम का पत्र चार अगस्त को प्रधानमंत्री कार्यालय को प्राप्त हुआ था। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा है।
उपमुख्यमंत्री रेणु देवी की दो टूक
एक सहयोग कार्यक्रम में बिहार की उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने कहा कि केंद्र सरकार जातीय जनगणना नहीं कराने वाली है। उन्होंने कहा, ‘जिस तरह कर्नाटक और उड़ीसा में जातीय जनगणना कराई गई, उस तरह बिहार भी इसके लिए स्वतंत्र है। लेकिन केंद्र सरकार का फैसला, इस मामले में बिल्कुल स्पष्ट है कि वह जातीय जनगणना नहीं कराने जा रही है।’
सीएम ने पीएम को लिखा पत्र
पांच अगस्त को सीएम नीतीश कुमार ने कहा था, ‘जाति आधारित जनगणना के लिए प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेगा। हमने प्रधानमंत्री को पत्र भेज दिया है। समय मिलने के बाद मिलेंगे। नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि हमारी पार्टी के सांसदों ने जातीय जनगणना कराने के लिए लिखकर दिया है। गृहमंत्री अमित शाह से भी सांसदों ने बात की है।’
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