दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें दिल्ली सरकार को राष्ट्रीय राजधानी में आयुष्मान भारत योजना के कार्यान्वयन के लिए केंद्र के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करने का निर्देश दिया गया था। शीर्ष अदालत का आदेश दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश के खिलाफ दिल्ली सरकार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए आया, जिसमें आप सरकार को आयुष्मान भारत योजना के कार्यान्वयन के लिए केंद्र के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने का निर्देश दिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट में पेश होते हुए दिल्ली सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हाई कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच सत्ता की साझेदारी को फिर से परिभाषित किया है। सिंघवी ने शीर्ष अदालत के समक्ष पेश होते हुए कहा वे हमें मजबूर नहीं कर सकते। हाई कोर्ट मुझे नीतिगत मामलों पर केंद्र सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के लिए कैसे मजबूर कर सकता है? दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में केंद्र की आयुष्मान भारत योजना के कार्यान्वयन का विरोध करते हुए कहा है कि यह “पहले से मौजूद स्वास्थ्य देखभाल पहलों को कमतर करने जैसा होगा।
सरकार की प्रमुख आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) के तहत, 70 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक प्रति वर्ष प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक के कैशलेस स्वास्थ्य कवरेज के हकदार हैं।