
शिमला । हिमाचल प्रदेश विधानसभा में गुरुवार को उस समय हंगामा हुआ जब विपक्षी कांग्रेस सदस्यों ने राज्य के मुख्य सचिव अनिल खाची को बदलने का मुद्दा उठाया। प्रश्नकाल की कार्यवाही समाप्त होने के तुरंत बाद विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने ये मसला उठाते हुए सरकार से स्पष्टीकरण मांगा। उनके जवाब में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि विपक्ष तय नहीं करेगा कि किसे नियुक्त किया जाए, क्योंकि नियुक्ति एकमात्र राज्य सरकार का विशेषाधिकार है। विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने कहा कि सदन के अंदर इस मुद्दे को नहीं उठाया जा सकता।
सदन में इस मसले पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री के बीच तीखी नोकझोंक हुई और विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए सदन से वाकआउट कर गए।
इससे पहले मुकेश अग्निहोत्री ने मुख्य सचिव को हटाने का मुद्दा उठाते हुए प्रदेश सरकार से जानना चाहा कि वो उन परिस्थितियों का उल्लेख करें, जिससे मुख्य सचिव को बदलने के लिए मजबूर किया गया है।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि सदन यह तय नहीं करेगा कि किसे नियुक्त किया जाए। जयराम ने कहा कि उनकी सरकार ने अनिल खाची को एक संवैधानिक पद पर नियुक्त किया है, जहां वह उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के बराबर स्थिति वाले पांच साल तक सेवा करेंगे। उन्होंने कहा कि एक पद रिक्त होने के कारण संवैधानिक व्यवस्था के तहत इस प्रक्रिया को पूरा किया गया है।
मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री द्वारा अधिकारियों को उनके निवासी होने के आधार पर वर्गीकृत करने के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई।
जयराम ठाकुर ने कहा कि यह कहना गलत है कि अधिकारी राज्य से हैं या राज्य के बाहर से हैं क्योंकि सभी इस देश के हैं और सिविल सेवा परीक्षा पास करके राज्य के विकास में योगदान दे रहे हैं।
उन्होंने विपक्ष को कांग्रेस शासनकाल की याद दिलाई कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में तो मुख्य सचिव की नियुक्ति के लिए वरिष्ठता को भी नजरअंदाज कर अधिकारियों को अपमानित किया गया था, लेकिन हमारी सरकार ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने कांग्रेस विधायकों को नसीहत दी कि वे ऐसे मसलों पर वो राजनीति न करें और अधिकारी को अधिकारी ही रहने दें।
भाजपा के वरिष्ठ विधायक राजीव बिंदल ने इस मुद्दे पर कहा कि वो इस सदन में सालों से हैं तथा किस अधिकारी को कहां लगाना है, ये सरकार निर्धारित करती है। इसे मुद्दा बनाकर सरकारी की कार्यप्रणाली को प्रभावित नहीं किया चाहिए। बिंदल ने कहा कि ऐसे विषय को इस तरह उठाने से बचना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि हिमाचल सरकार ने गुरुवार को एक आदेश जारी कर मुख्य सचिव अनिल कुमार खाची को तत्काल प्रभाव से राज्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया है। अनिल खाची 1986 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने 31 दिसम्बर 2019 को हिमाचल के मुख्य सचिव का कार्यभार संभाला था।
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