लखनऊ । डेंगू सामान्य बुखार की ही तरह है। सात से 10 दिन में अपने आप ठीक हो जाता है। गंभीर होने से पहले यह वार्निंग सिग्नल देता है। बस उसे पहचानने की जरूरत है। लिहाजा सतर्क और सावधान रहें। आप डेंगू से बचे रहेंगे। ये बातें संयुक्त निदेशक डॉ.विकास सिंघल ने हिन्दुस्थान समाचार प्रतिनिधि से एक विशेष वार्ता में बुधवार को बतायी।
उन्हाेंने बताया कि डेंगू के लिए अनुकूल मौसम चल रहा है। मरीज भी लगातार आ रहे हैं लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है। मच्छर के काटने से होने वाली इस बीमारी से भारत में मरने वाले एक फीसदी से भी कम हैं लेकिन जानकारी का अभाव, लापरवाही व लक्षणों को अनदेखा करना और अपने मन से दवाओं का सेवन इस बीमारी को गंभीर बना सकता है।
चिकित्सकों के मुताबिक पांच प्रतिशत रोगी ही गंभीर डेंगू हैमरेजिंग व डेंगू शाक सिंड्रोम में परिवर्तित होते हैं। बाकी 95 प्रतिशत मरीज सात से 10 दिन में ठीक हो जाते हैं। सामान्य डेंगू बुखार गंभीर डेंगू में परिवर्तित होने के संकेत देता है। एक्सपर्ट ने बताया कि शरीर के किसी हिस्से में लाल दाने दिखें, शरीर के किसी हिस्से में खून आए, बार-बार उल्टी, पेशाब-मल में खून आए, 12 घंटे से अधिक पेशाब न आए, पेट दर्द, सांस लेने में तकलीफ, झटका, बेहोशी, हाथ-पैर का ठंडा पड़ जाने के लक्षण दिखें तो बिना एक पल गंवाए फौरन पास के अस्पताल में मरीज को भर्ती कराएं। सही समय पर इलाज मिल जाने पर इस तरह के रोगी 24 से 48 घंटे में ठीक हो जाते हैं।
संयुक्त निदेशक डॉ. विकास सिंघल ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क जांच व इलाज की सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा 108 नं एंबुलेंस की सेवा उपलब्ध है। कोई भी मरीज अगर डेंगू के लक्षण वाला हो तो फौरन एंबुलेस बुलाकर पास के सरकारी अस्पताल में भर्ती हो। उन्होंने अपील की कि डेंगू के लक्षण वाला प्रत्येक मरीज जल्द से जल्द जांच कराए। इससे आपको तो समय से इलाज मिल ही जाएगा। साथ ही समाज में इसका प्रसार भी रोका जा सकेगा।