Indian Prime Minister Narendra Modi (right) shakes hands with his Nepali counterpart KP Sharma Oli in New Delhi, India, on Friday, May 31, 2019. Photo: AP

इपीजी पर नेपाल के प्रधानमंत्री ओली का भारत पर विवादास्पद बयान

काठमांडू । नेपाल और भारत के बीच विभिन्न समस्याओं के अध्ययन को लेकर तैयार प्रबुद्ध नागरिक समूह (इमिनेंट पर्सनेलिटी ग्रुप, इपीजी) की रिपोर्ट 6 साल बाद भी भारत सरकार ने स्वीकार नहीं की है। इपीजी को लेकर पिछले एक महीने में नेपाल के प्रधानमंत्री ओली ने तीन बार बयान देकर भारत की आलोचना की है।

बीते दिन ही प्रधानमंत्री ओली ने कहा था कि उनके और भारतीय प्रधानमंत्री के बीच सहमति के बाद इपीजी का गठन किया गया था लेकिन रिपोर्ट तैयार होने के 6 साल बाद भी मोदी जी ने यह रिपोर्ट स्वीकार करने के लिए समय नहीं दिया है। ओली ने व्यंग्य करते हुए कहा था कि नेपाल के प्रधानमंत्री तो काफी फुरसत में रहते हैं लेकिन भारत एक बड़ा देश होने के कारण वहां के पीएम काफी व्यस्त रहते हैं।

इससे पहले पिछले हफ्ते ही नेपाल के पूर्व विदेश मंत्री कमल थापा की लिखित पुस्तक नाकाबंदी और भू राजनीति का विमोचन करते हुए भी ओली ने इपीजी रिपोर्ट को स्वीकार नहीं करने पर अपनी नाराजगी जताते हुए जल्द से जल्द इसे स्वीकार करने की मांग की थी। इस बार प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार संसद में सांसदों के सवाल का जवाब देते हुए भी ओली ने इस विषय को उठाया था।

इस विषय को बार-बार उठाने को लेकर नेपाल में भारत के पूर्व राजदूत रंजीत रे ने इसे ओली का भारत पर दवाब की राजनीति बताया है। रे के ही कार्यकाल में इपीजी की शुरुआत हुई थी। रे का तर्क है कि ओली एक बार फिर से नेपाल में भारत विरोधी राष्ट्रवाद की हवा बनाना चाहते हैं, ताकि उन्हें इसका चुनावी फायदा मिल सके। उन्होंने कहा कि दो तिहाई बहुमत होने के बावजूद यह सरकार कुछ भी नहीं कर पा रही है, अपनी इस विफलता को छुपाने के लिए इपीजी का राग अलापा जा रहा है।

इसी तरह भारत में नेपाल के पूर्व राजदूत और इपीजी के सदस्य समेत रहे नीलांबर आचार्य ने कहा कि इपीजी को लेकर पीएम ओली की सार्वजनिक बयानबाजी कूटनीतिक मर्यादा के विपरीत है। आचार्य का कहना है कि भारत के साथ द्विपक्षीय वार्ता या उच्च स्तरीय कूटनीतिक मुलाकात के समय नेपाल की तरफ से इस विषय को नहीं उठाया जाना और उसे राजनीति का विषय बनाना हमारे कूटनीतिक संबंध के लिए शुभ संकेत नहीं है।

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