लखनऊ: प्रेस की स्वतंत्रता पर लगे प्रतिबंधों का विरोध करेगी आईपीएफ

द ब्लाट न्यूज़ प्रेस की स्वतत्रंता पर रोक लगाने को लेकर आईपीएफ विरोध करने की तैयारी कर ली है। अभी हाल ही में मीडिया माध्यमों की ‘नकारात्मक’ खबरों की जांच करने का जो आदेश जारी किया गया है। इससे स्पष्ट हो जाता है कि योगी सरकार प्रेस स्वतंत्रता को खत्म करने पर तुली है। यह बातें रविवार को आल इंडिया पीपुल्स फ्रन्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष एसआर दारापुरी ने प्रेस को जारी बयान में कही है। उन्होंने कहा है कि योगी सरकार इस आदेश के माध्यम से मीडिया को नियंत्रित करने तथा लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को खत्म करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार पर पहले भी पत्रकारों पर मुकदमों और आपराधिक कार्रवाई द्वारा मीडिया की स्वतंत्रता को दबाने का आरोप लगाया जाता रहा है।

इससे पहले 2022 में पत्रकारों पर हमले के खिलाफ समिति द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जब से योगी आदित्यनाथ ने राज्य के मुखिया के रूप में पदभार संभाला है, कम से कम 48 पत्रकारों पर शारीरिक हमला किया गया है और 66 अन्य पर मामला दर्ज किया गये है। उन्होंने आगे कहा था कि राज्य में काम करने वाले पत्रकारों को अधिकारियों द्वारा डराने-धमकाने और उत्पीड़न के बाध्यकारी मामले सामने आए हैं।

ईजीआई ने ऐसे आधा दर्जन मामलों को सूचीबद्ध करते हुए कहा कि  उनमें से कई को गलत आरोपों पर अनुचित तरीके से गिरफ्तार किया गया है। इसके लिए आल इंडिया पीपुल्स फ्रन्ट योगी सरकार ने मीडिया माध्यमों की ‘नकारात्मक’ खबरों की जांच करने का जो आदेश दिया है, उसका विरोध करती है।

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