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लखनऊ। राजधानी में गुरूवार फेडरेशन आॅफ मिस्ट्रिरियल सर्विस एसोशिएसन्स द्वारा आयोजित प्रेस वार्ता में पुरानी पेंशन और निजीकरण का मुद्दा तूल पकड़ने लगा है। संघ का कहना है कि सरकार को हिमाचल व कर्नाटक में मिली हार से सबक लेना चाहिए जिसमें पुरानी पेंशन बहाली व रेगुलराइजेशन करते हुये निजीकरण पर तत्काल रोक लगाते हुये खाली पड़े लाखों पदों को भरने जैसी न्यायोचित मांगों पर गंभीरता से गौर करना चाहिये। फेडरेशन ने आगाह किया है कि अगर मांगों की अनदेखी जारी रही तो आने वाले चुनावों में कर्मचारी एवं उनके परिजन एकजुट होकर अपनी पुरानी पेन्शन बहाली व अन्य मांगो को दृष्टिगत रखते हुये चुनाव मे अपने मत का प्रयोग करेंगे।
यह चेतावनी अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने स्थानीय प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए दी। वहीं राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ उप्र फेडरेशन आॅफ मिनिस्ट्रिीरियल सर्विस एसोशिएसन्स के संरक्षक एसपी सिंह व नरेन्द्र प्रताप सिंह, अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कमलेश मिश्र, पेंशनर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अमरनाथ यादव, एसोशिएसन्स के प्रान्तीय अध्यक्ष, दिवाकर सिंह, प्रान्तीय महामंत्री, पुनीत कुमार त्रिपाठी, राज्य कर्मचारी महासंघ के प्रान्तीय महामंत्री, अशोक कुमार सिंह, यूपी एग्रीकल्चर डिपार्टमेन्ट मिनिस्ट्रिरियल सर्विसेज एसोशिएसन के प्रान्तीय अध्यक्ष, धर्मेन्द्र प्रताप सिंह, प्रान्तीय महामंत्री हेमन्त सिंह खड़का, एसोशिएसन्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संदीप पाण्डेय,उपाध्यक्ष देवेन्द्र कुमार यादव, संगठन मंत्री वंशीधर मिश्रा,प्रान्तीय मंत्री, श्याम सिंह एवं राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के संरक्षक समेत मौके पर उपस्थित रहे।
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