तेंदूपत्ता संग्रहण में मौसमी उतार-चढ़ाव का असर, तीन मई से पत्तो की तोड़ाई शुरू

THE BLAT NEWS:
कोरबा। आमतौर पर अप्रैल माह के अंतिम सप्ताह तक तेंदूपत्ते तोड़ाई के लिए तैयार हो जाते हैं। इस बार मौसमी उतार चढ़ाव और धूप कम पडऩे की वजह से पत्तों के परिपक्व होने में देरी होगी। ऐसे में एक मई को शुरूआत होने वाली पत्तो की तोड़ाई तीन मई से होगी। वर्षा के साथ तेज हवा का असर जारी रहने पर संग्रहण तिथि आगे भी बढ़ सकती है। वन विभाग में तेंदूपत्ता संग्रहण की तैयारी तेज हो गई है। कोरबा वन मंडल में आठ साल बाद सभी 34 समितियों के लिए खरीदार मिल गए हैं। कटघोरा वन मंड के 44 में 42 समितियों के पत्तों की खरीदी के लिए बोली लग गई है। मुड़ापार और बिरदा मेें ठेकेदारों के सामने नहीं आने से पत्तों की खरीदी विभागीय स्तर पर होगी।आसमान में छाई बदली और बूंदाबांदी ने तेंदूपत्ता संग्राहकों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है। तेंदूपत्ता संग्रहण भले ही माह भर का कारोबार होता है लेकिन इसके माध्यम से संग्राहक परिवार जून जुलाई से शुरू होने वाले शैक्षणिक से बच्चों की पढ़ाई और खरीफ की प्रारंभिक खेती के लिए कमाई कर लेते है। कोरबा वनमंडल में 34,500 और कटघोरा वन में 64,800 यानी कुल 99,300 संग्राहक परिवार हैं। प्रति परिवार पत्तों की तोड़ाई कर 10 हजार से 15 हजार के पत्तों की तोड़ाई कर लेते हैं। एक गड्डी में 50 पत्ता होता है और एक हजार गड्डी का एक मानक बोरा होता है। बताना होगा कि वनमंडल कोरबा के लेमरू क्षेत्र से संग्रहित किया जाने वाला तेंदूपत्ता बीड़ी उद्योगों के लिए इस बार भी पहली पसंद है।Image result for तेंदूपत्ता संग्रहण में मौसमी उतार-चढ़ाव का असर, तीन मई से पत्तो की तोड़ाई शुरूसोहागपुर समिति का पत्ता सबसे कम 3,144 रूपये में बिका है। अभी संग्रहण कार्य शुरू होने माह भर का समय शेष हैं, लेकिन यहां का पत्ता प्राप्त करने ठेकेदारों में ऐसी होड़ मची, कि अभी से पत्तों की आनलाइन बुकिंग करा ली गई है। उससे से भी खास बात यह है कि इस कोरबा वन मंडल के सभी समिति इस बार बोनस के भागीदार रहेंगे। इससे पहले जिन समितियों के पत्तों की खरीदी विभाग करता था उन्हें यह लाभ नहीं मिलता था। शासन ने इस बार भी तेंदू पत्ते की की कीमत 4000 रूपये प्रति मानक बोरा तय किया। इससे अधिक कीमत में बिक्री होने पर अंतराल की राशि को संग्राहकों का बोनस के रूप में दिया जाता है।
कोरबा व कटघोरा वनमंडल के पत्तेे प्रदेश की सीमाएं लांघकर महाराष्ट्र, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल व मध्यप्रदेश के बाजार में पिछले 20 साल से सिरमौर बने हुए है। पखवाड़े भर से जिले में मौसमी उतार चढ़ाव का असर है। वर्षा और धूप के कारण उमस ने पल्लवित हो रहे पत्तों के विकसित होने की राह खोल दी दी है। अनुकूल वातावरण होने से इस बार पत्तों की उपज भी बेहतर रहने की संभावना है। राज्य शासन ने इस बार कोरबा वन मंडल में 53,800 मानक बोरा संग्रहण का लक्ष्य रखा है। बीते वर्ष की तुलना में 400 मानक बोरा लक्ष्य बढ़ाया गया है। कटघोरा वन मंडल में 64,500 मानक बोरा पत्ता संग्रहित करना तय हुआ है। अनुकूल मौसम देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा कि दोनों ही वन मंडलों में पत्तों का संग्रहण कार्य पूरा कर लिया जाएगा।

Check Also

इंस्टाग्राम पर नाम बदल कर किया किशोरी से दोस्ती फिर किया दुष्कर्म

•आरोपित ने अपने साथी दोस्त के साथ मिलकर किशोरी के साथ दुष्कर्म किया और वीडियो …