THE BLAT NEWS:
लखनऊ। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के दौरान लोगों को आयुर्वेद चिकित्सा का महत्व समझ में आया। औषधि प्रदान करने वाले पौधों के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ी। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिले में जगह-जगह औषधि वाटिका बनाए जाने का निर्देश दिया। औषध रूपी पौधों का अभियान चलाकर करोड़ों की संख्या में पौधों का रोपड़ किया गया। जिससे लोगों को आयुर्वेद चिकित्सा के द्वारा अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो सके। लेकिन अफसरशाही के चलते यह अभियान भी दम तोड़ता नजर आ रहा है। लखनऊ जिले में 8 ब्लॉक हैं। जिनमें से एक मोहनलालगंज विकासखंड कार्यालय पहला आईएसओ सर्टिफाइड ब्लॉक हैं। वही मोहनलालगंज विकासखंड कार्यालय में बैठे अफसरों की लापरवाही के कारण ब्लॉक परिसर में बनी औषधि वाटिका बदहाली के आंसू बहा रही हैं।
लाखों रुपए की लागत से तैयार औषधि वाटिका में लगे पौधे बूंद बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। औषधि वाटिका में सूखे पत्तों का अंबार लगा हुआ है। साफ सफाई न होने से औषधि वाटिका के पास जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे पड़े हैं। सोचने की बात है कि जब विकासखंड परिसर में बनी औषधि वाटिका की साफ सफाई व सुरक्षा व्यवस्था बेहतर नहीं है तो विकासखंड के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायतों का क्या हाल होगा। इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है। यही नहीं ब्लॉक परिसर में लाखों रुपए खर्च कर लगाई गई। स्ट्रीट लाइटें भी शो पीस बनकर रह गई। सूत्रों की माने तो शाम होते ही अंधेरा छा जाता है। लेकिन विकासखंड कार्यालय में बैठे अफसरों को कुछ नजर नहीं आ रहा है।