बरसाना में लठामार होली आज, राधा जी की सखियों ने नंदगांव पहुंचाया न्योता

THE BLAT NEWS:               मथुरा। राधा कृष्ण की भक्ति और मनुहार करना तो कोई नंदगांव बरसाना के लोगें से सीखे। कृष्ण की तरह उनके सखा और सखियां भी बांके हैं। राधा कृष्ण से जुडा कोई त्यौहार हो उनमें अनूठी मिठास घोल देते हैं नंदगांव बरसाना के लोग। वसंत पंचमी से जिस मदन महोत्सव की शुरुआत हुई थी वो अब यौवन पर है। सोमवार को राधा की सखियों के प्रतिनिधि के रूप में सखियों का एक टोल लठामार होली के निमंत्रण का गुलाल लेकर नंदभवन पहुंचा इस दौरान दूर दराज के लोग इस लीला को देखने के लिए लालायित दिखे। प्रातः से ही कान्हा और उनके सखाओं को होली का न्यौंता मिलने की चमक साफ नजर आ रही थी। नंदभवन में सखियों को नचाने के लिए सुंदर स्टेज सजाया गया। मंदिर को नवेली दुल्हन के स्वागत की भांति सजाया गया। कृष्ण बलराम को आकर्षक पोषाकें पहनाई गईं। प्रातः करीब 11 बजे सखियों का टोल नंदगांव के नंद भवन में पहुंचा।सखियों को देखकर कान्हा के सखा सतर्क हो गए। मंदिर परिसर में हल्ला मच गया कि बरसाने से न्योता आय गयौ रे, सखी आय गईं रे। दर्जनों सखियों का टोल ढोल की थाप पर झूमती मंदिर परिसर पहुंचा। सर्वप्रथम सखियों ने निमंत्रण रूपी मिट्टी के कलश जैसी कमोरी जिसमें गुलाल, बीडा, मठरी, इत्र आदि था को सेवायत को सौंपा। सेवायत ने कमोरी को नंदबाबा और कन्हैंया के चरणों में रख दिया। सखियों ने कृष्ण बलराम के सामने आय जइयो श्याम बरसाने गाम होरी कौ मजा चखाय दुंगी पदों पर नृत्य किया। इसके बाद पूरे नंद भवन में बरसाना से न्योता आने की बात बताई गई। लठामार होली खेलने के निमंत्रण को सुनकर सखा उत्साहित हो उठे। उत्साहित हुरियारे सखियों को नृत्य के लिए मंच तक ले गए। इस दौरान नंदबाबा मंदिर के सेवायतों ने सखियों का चुनरी पहनाकर स्वागत किया। स्वागत के बाद घंटों रसिया गायन और नृत्य का दौर चला। इस दौरान राधा की सखियों ने कृष्ण के सखाओं के साथ जमकर नृत्य किया। देश विदेश के तमाम श्रद्धालु फाग आमंत्रण महोत्सव के अवसर पर मौजूद रहे। हर कोई इस पल को यादगार बनाने का उत्सुक दिखा। अंत में सखियों को राजभोग कराकर भेंट दे विदा किया गया।  लाठियों की मार से बचने को हुरियारों ने कसी कमर:
सोमवार को बरसाना से लठामार होली का न्योता मिलने के बाद हुरियारे भी अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुट गए हैं। मंगलवार को बरसाना प्रस्थान से पूर्व गोस्वामी जनों द्वारा चैपई निकाली जाएगी। नंदबाबा मंदिर से गोस्वामियों के पूर्वज बाबा आनंदघनजी की चैपाल तक चैपई को लाया जाएंगे। फिर यहां से वापस नंदगांव हमारौ खेरौ, बाबा नंद जशोदा मइया श्याम सखा संग मेरौ का गान करते हुए सभी हुरियारे पुनः सिंहपौर पर पहुंचेंगे। अष्टमी की रात्री में समाज गायन के दौरान बरसाना से आए गुलाल को वितरित किया गया। ढालों को गोटा, सितारे आदि की सहायता विभिन्न प्रकार से सजाया जा रहा है। बरसाना जाते समय संकेतवट मार्ग से प्रियाकुंड पहुंचेंगे। जहां बरसाना के लोग उनकी अगुवानी भांग ठंडाई और रंग, गुलाल आदि लगाकर करेंगे।

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