जोशीमठ : दरार वाले भवनों की संख्या बढ़ी जोशीमठ पर मौसम की मार पड़ी है दरार वाले भवनों की संख्या बढ़ी ;प्रभावितों की दुश्वारियां बढ़ गई

The blat news:   

भू-धंसाव के बाद कराहते जोशीमठ पर मौसम की मार पड़ी है। बारिश और बर्फबारी के बाद पहले से मुसीबतों का सामना कर रहे आपदा प्रभावितों की दुश्वारियां बढ़ गई हैं। लोग दरक रहे घरों का सामान सुरक्षित स्थानों में शिफ्ट नहीं कर पा रहे हैं। कई परिवारों का सामान घर के बाहर ही पड़ा है, जिस पर बर्फ जम गई है। वहीं, प्रशासनिक स्तर पर किए जा रहे आपदा प्रबंधन व राहत कार्यों में भी व्यवधान बढ़ा है।

बृहस्पतिवार देर रात से अचानक मौसम का रुख बदला और बर्फबारी शुरू हो गई। जो शुक्रवार सुबह तक जारी रही। इसके बाद बारिश का दौर शुरू हो गया। लोगों को सबसे ज्यादा दिक्कत घर का सामान शिफ्ट करने में हुई। कई लोगों का सामान घर के बाहर ही पड़ा। उसके सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए मजदूर नहीं मिल पा रहे हैं।

खराब मौसम के कारण सिंहधार में भूधंसाव से प्रभावित मलारी-इन और माउंट व्यू होटल, लोनिवि विश्राम गृह के ध्वस्तीकरण सहित अन्य कार्य भी प्रभावित हुए हैं। वहीं, नगर में अलग-अलग स्थानों पर पड़ी दरारों में बारिश और बर्फ का पानी भर गया है। ऐसे में दरारें चौड़ी हो सकती हैं, जिससे भू-धंसाव वाली जगहों पर खतरा बढ़ गया है। जगह-जगह कीचड़ होने से राहगीरों को आवागमन में दिक्कत हो रही है।

इधर, सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने कहा, बारिश और बर्फबारी के कारण आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों में व्यवधान उत्पन्न हुआ है, लेकिन किसी भी कार्य को रोका नहीं गया है।

शुक्रवार तड़के से नगर क्षेत्र में बारिश शुरू हो गई थी। इसके बाद सुबह 6 से 10 बजे तक पूरे क्षेत्र में बर्फबारी होती रही। इस दौरान 3 से 5 इंच तक बर्फ जम गई थी। मौसम में कुछ सुधार हुआ, लेकिन घने बादल छाए रहे। वहीं, अपराह्न बाद नगर क्षेत्र में हल्की बारिश शुरू हो गई थी, जो देर शाम तक जारी रही। साथ ही चारों तरफ की पहाड़ियों पर बर्फबारी हो रही है। मौसम के बिगड़े मिजाज के कारण अधिकतम तापमान 8 व न्यूनतम तापमान 1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।

विस्थापितों के लिए स्वरोजगार की विस्तृत योजना बनाएंः
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अफसरों को निर्देश दिए कि जोशीमठ के प्रभावित क्षेत्र से जो लोग विस्थापित होंगे, उनको स्वरोजगार से जोड़ने के लिए विस्तृत योजना बनाई जाए। विस्थापितों की आजीविका प्रभावित नहीं होनी चाहिए। इसके लिए अभी से योजना बनाकर आगे कार्य करें। इसके साथ ही उन्होंने राहत शिविरों में शीतलहर से बचाव के लिए हीटर एवं अलाव की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।

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