द ब्लाट न्यूज़ महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने अरबों रुपये की वेदांता-फॉक्सकॉन सेमीकंडक्टर परियोजना गंवाने की जांच कराने की सोमवार को मांग की और पूछा कि क्या इन कंपनियों से पैसों की मांग की गयी थी।
उन्होंने कहा कि जब भी उद्योग स्थापित करने की बात आती थी तो देश में महाराष्ट्र अग्रणी राज्य होता था लेकिन यह स्थिति बदल रही है।
ठाकरे ने वेदांता-फॉक्सकॉन परियोजना महाराष्ट्र के स्थान पर गुजरात चले जाने पर हुए विवाद पर एक सवाल पर कहा, ‘‘इसकी जांच की जानी चाहिए कि जिन उद्योगों को महाराष्ट्र में स्थापित होना था वे अब दूसरे राज्यों में क्यों चले गए। क्या उनसे पैसे मांगे गए थे।’’
यहां एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में राज्य में राजनीतिक हालात पर खेद व्यक्त किया और कहा कि यह समझना या अंदाजा लगाना मुश्किल है कि सरकार बनाने के लिए कौन किसके साथ गठबंधन कर लेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने महाराष्ट्र में कभी ऐसी अराजकता की स्थिति और धोखा देने की राजनीति नहीं देखी। कोई नहीं जानता कि कौन किसके साथ है, कौन सरकार बना रहा है।’’
पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए मनसे नेता ने कहा कि शिवसेना ने भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन कर 2019 का चुनाव लड़ा था लेकिन उसने नतीजे घोषित होने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री पद के कार्यकाल के बंटवारे पर तनातनी पैदा कर दी।
उन्होंने कहा, ‘‘आपने (उद्धव ठाकरे) 2019 चुनाव से पहले गठबंधन की शर्तों की सार्वजनिक घोषणा क्यों नहीं की थी? क्या कुछ दलों को वोट देने वाले लोग ऐसी धोखाधड़ी होते देखते रहेंगे। यह मतदाताओं का अपमान है।’’
राज ठाकरे ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के साथ यहां हुई बैठक को ‘‘पुराने दोस्तों के बीच एक शिष्टाचार भेंट’’ बताया।
उन्होंने यह भी कहा कि विदर्भ को राज्य का दर्जा देने के मुद्दे पर जनता को फैसला करना चाहिए।
आम आदमी पार्टी जैसे दलों द्वारा चुनाव जीतने के लिए मतदाताओं को निशुल्क सुविधाएं देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि लोग उचित दाम और समय पर चीजें चाहते हैं न कि मुफ्त में।