-केंद्रीय मंत्री रुपाला ने मशीन का किया लोकार्पण
द ब्लाट न्यूज़ । भारत सरकार के मत्स्य एवं पशुपालन व डेयरी विभाग के कैबिनेट मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने कहा कि महानगरों की आधुनिकता से भरी असंतुलित जीवन शैली को यदि पटरी पर लाना है, तो हमें प्रत्येक महानगर के बाहरी इलाके में काऊ हॉस्टल की स्थापना करनी होगी। केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला मंगलवार को फरीदाबाद के सेक्टर-8 स्थित सर्वोदय हॉस्पिटल के ऑडिटोरियम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत कर उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने गौ पालन के विषय पर बल देते हुए कहा कि हमें इसके लिए पुराने तरीकों को छोडक़र वैज्ञानिक पद्धति अपनाने की आवश्यकता है। केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने कहा कि गोवर्धन से आत्मनिर्भर बना भारत बनाने की संभावनाएं बढ़ रही है। गाय के दूध और गोबर के महत्व को जानने की कोशिश करें। यदि शरीर में इम्यूनिटी पावर बढ़ानी है तो गाय के दूध भी और गोमूत्र का प्रयोग करें। उन्होंने अहमदाबाद की बंशीधर गौशाला का जिक्र करते हुए कहा कि वहां पर 200 रुपये किलो गाय का दूध पीता है और 4000 रुपये किलो गाय का घी बिकता है।
केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने कहा कि ब्राज़ील की अर्थव्यवस्था गाय पर आधारित है। वहां गाय को जेबू कहते हैं। हमारी गिर नस्ल की गाय को वहां सर्वोपरि गाय माना गया है। ऋषि मुनियों की जानकारी के अनुसार भारत देश पहले गौ अर्थव्यवस्था पर निर्भर था। गाए आज जमीनी स्तर पर दुनिया के अर्थ तंत्र का केंद्र बिंदु बनने जा रही है। केंद्रीय मंत्री रुपाला ने कहा कि अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना है तो जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ानी होगी और पोषण की दृष्टि से संतुलित जीवनशैली अपनानी होगी। इन सभी आयामों की प्राप्ति का गाय ही एकमात्र साधन है। उन्होंने कहा कि भारत अब अपनी वास्तविक प्रकृति में लौट रहा है और दुनिया उसके सामने नतमस्तक हो रही है। केंद्रीय मंत्री रुपाला ने योग का उदाहरण देते हुए कहा कि पूरे विश्व में जिस तरह से योग को सम्मान मिला है, वैसे ही दुनिया गौ विद्या को भी उतने ही सम्मान से देखेगी।
केंद्रीय मंत्री रुपाला ने कहा कि इससे गौशालाओं को हर महीने 1.5 लाख से लेकर 1.7 लाख किलोग्राम गोबर का निस्तारण करने में मदद मिलेगी। गौशाला में रहने वाली सभी गायों की देखभाल के लिए धन पैदा किया जा सकेगा। केन्द्रीय मत्स्य एवं पशुपालन व डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने नीमका गौशाला में जाकर गौशाला कार्यविधि का जायजा भी लिया। केंद्रीय मंत्री ने संस्थान के परिसर में खाद्य पदार्थ सामग्री से बनी चीजों के बारे में जानकारी ली। केन्द्रीय मंत्री ने दौरे के दौरान 5 से अधिक खाद्य मशीन के प्रकार का प्रदर्शन किया।