बाढ़ के पानी से भूजल स्तर बढ़ाने में मदद मिलेगी…

द ब्लाट न्यूज़ । दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने पल्ला फ्लड प्लेन परियोजना का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को गुणवत्तापूर्ण कार्य के साथ परियोजना को पूरा करने के निर्देश दिए। भारद्वाज के मुताबिक, परियोजना का उद्देश्य बाढ़ का संचित पानी बाढ़ खत्म होने के बाद वापस जमीन में लौटाना है, जिससे भूजल का स्तर न सिर्फ रिचार्ज होगा, बल्कि पानी का स्तर और ऊपर आ जाएगा।

सौरभ भारद्वाज के मुताबिक, दिल्ली से गुजरने वाली यमुना नदी में मानसून के दौरान करीब हर वर्ष बाढ़ आती है। ऐसे में दिल्ली सरकार ने तीन साल पहले मानसून में नदी से बाढ़ के अतिरिक्त पानी को इकट्ठा करने के लिए यमुना बाढ़ के मैदान में पल्ला प्रोजेक्ट शुरू किया था। इसके तहत 26 एकड़ का एक तालाब बनाया गया, जहां इसका पानी संचय होता है, जिसका उपयोग राजधानी में भूजल को बढ़ाने के लिए किया जा रहा है।

सुधार हुआ : पल्ला फ्लड प्लेन परियोजना से बेहतर नतीजे सामने आए थे। 2020 और 2021 में क्रमश: 2.9 मिलियन क्यूबिक मीटर और 4.6 मिलियन क्यूबिक मीटर अंडरग्राउंड वाटर बड़े पैमाने पर रिचार्ज किया गया है। वहीं, इसके बाद भी यह देखा गया कि पल्ला परियोजना क्षेत्र में पिछले वर्ष का भूजल स्तर, अनुमान से निकाले गए 3.6 मिलियन क्यूबिक मीटर भूजल से अधिक था। परियोजना क्षेत्र में पीजोमीटर में भूजल-स्तर में 0.5 मीटर से 2.5 मीटर की औसत वृद्धि देखी गई।

जल्द पूरा होगा : सौरभ भारद्वाज ने अधिकारियों को पल्ला फ्लड प्लेन परियोजना के कार्य को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए हैं, ताकि दिल्ली में रहने वाले नागरिकों के लिए पीने योग्य पानी की उपलब्धता बढ़ाई जा सके। उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचा बनाने और समाज के हर तबके को बेहतर सुविधाएं देने की दिशा में विभिन्न परियजनाओं पर काम कर रही है। इन परियोजनाओं का उद्देश्य जल संरक्षण, जल प्रदूषण नियंत्रण, अंडरग्राउंड वाटर रिचार्ज, घरों में साफ पानी की आपूर्ति, यमुना की सफाई है।

 

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