नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका खारिज कर दी है, जिसमें राज्य सरकार ने बिना यूपीएससी के दखल के पुलिस महानिदेशक डीजीपी की नियुक्ति की अनुमति मांगी थी। कोर्ट ने ममता सरकार से कहा, इस तरह से आवेदन न करें। जस्टिस एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ ने पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से दायर याचिका पर नाराजगी जताते हुए कोई भी आदेश जारी करने से इंकार कर दिया। वहीं, पश्चिम बंगाल की ओर से पेश सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि हम सिर्फ अपने राज्य में डीजीपी की नियुक्ति चाहते हैं।
सुप्रीम कोर्ट एक पुराने आदेश में कह चुका है कि हर राज्य को डीजीपी की नियुक्ति से पहले यूपीएससी से योग्य अधिकारियों की लिस्ट लेनी होगी। उसी लिस्ट में से चयन करना होगा। पश्चिम बंगाल सरकार का कहना था कि यह व्यवस्था गलत है। राज्य सरकार को चयन का पूर्ण अधिकार मिलना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने 2006 में दिए एक फैसले में कहा था कि किसी राज्य में डीजीपी के पद पर नियुक्ति से पहले राज्य सरकार को यूपीएससी से वरिष्ठ और योग्य आईपीएस अधिकारियों की लिस्ट लेनी पड़ेगी। उन्हीं अधिकारियों में से नए डीजीपी का चयन करना होगा। पश्चिम बंगाल में डीजीपी का पद 31 अगस्त को खाली हो चुका है। राज्य सरकार चाहती है कि उसे पूरी तरह अपनी मर्जी से नया पुलिस महानिदेशक चुनने दिया जाए।