वाराणसी । धर्म नगरी काशी में भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अमावस्या सोमवती और भौमवती अमावस्या पर सोमवार को श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान के बाद श्री काशी विश्वनाथ के दरबार में हाजिरी लगाई। सोमवती और भौमवती अमावस्या के विशेष संयोग में लोग तड़के से ही गंगा तट पर स्नान के लिए पहुंचने लगे।
गंगा में स्नान और दान पुण्य के बाद लोग बाबा विश्वनाथ के दरबार में दर्शन पूजन के लिए कतारबद्ध होने लगे। लोगों ने अपनी बारी आने पर बाबा के पावन ज्योर्तिलिंग का दर्शन पूजन किया। वहीं, हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने खासकर दक्षिण भारत से आने वाले श्रद्धालुओं ने भौमवती अमावस्या पर अपने पितरों के निमित्त श्राद्ध और तर्पण किया। मोक्षतीर्थ मणिकर्णिकाघाट, दशाश्वमेध,सिन्धिया घाट, अस्सी, भदैनी, भैसासुर घाट के अलावा पिशाचमोचन स्थित विमल तीर्थ पिशाचमोचन कुंड पर तर्पण करने वालों की भीड़ दिखी। पंडे और तीर्थ पुरोहित कतार लगवा कर श्राद्ध कराते दिखे।
गौरतलब हो कि सनातन धर्म में अमावस्या तिथि को महत्वपूर्ण माना जाता है। माना जाता है कि अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित है। इस दिन पितरों का तर्पण किया जाता है। पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान के बाद लोग पूर्वजों को स्मरण करते है। इस बार भाद्रपद माह की सोमवती और भौमवती अमावस्या तिथि एक साथ पड़ने के कारण लोग उत्साहित रहे। गंगा स्नान करने के बाद लोगों ने अपने पितरों को काले तिल मिश्रित जल से अर्घ्य दिया।
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