पहाड़ों पर बरसात से काशी में गंगा का जलस्तर में बढ़ा, घाट किनारे हुई सफाई

वाराणसी। पहाड़ों पर लगातार बरसात से गंगा नदी के जलस्तर में भी बढ़ाव दिखने लगा है। गर्मी के दिनों में गंगा के जलस्तर में लगातार गिरावट से बीच नदी में रेत दिखने लगे थे।

अब नदी के जलस्तर में बढ़ाव से रेत भी लहरों में समाने लगे है। गंगा में बढ़ाव से दूर तक नदी का पाटा भी साफ नजर आने लगा है।

केंद्रीय जल आयोग के अनुसार वाराणसी में गंगा का जलस्तर हर घंटे 10 मिमी बढ़ रहा है। शुक्रवार शाम तक गंगा का जलस्तर 58.27 मीटर दर्ज किया गया। वाराणसी में गंगा का चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर और खतरे का निशान 71.262 मीटर है। फिलहाल गंगा के जलस्तर में बढ़ाव से किसी प्रकार का खतरा नहीं है। गंगा किनारे जमा गंदगी भी लहरों में समाने से घाट भी साफ दिखने लगा है।

मां गंगा निषाद राज सेवा समिति उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष विनोद कुमार निषाद ‘गुरू’ के अनुसार गंगा का जलस्तर बढ़ने से गंगा अपनी सफाई खुद कर लेंगी। काशी का नाविक समाज घाटों पर किसी तरह का हादसा रोकने के लिए तत्पर रहते हैं। घाटों पर कांवरियों, यात्रियों को डूबने से बचाने के लिए अपनी जान पर खेल जाएंगे।

गुरू बताते हैं कि वाराणसी में 15 जून 2024 से बाढ़ घोषित हो जाता है। उसके बावजूद गंगा में पानी की कमी चौड़ाई गहराई की कमी थी। करीब 20 दिन बाद से जुलाई में गंगा के जलस्तर में तीन दिनों में 3 फीट बाढ़ का पानी आया है। यह पहली बार देखने को मिल रहा है कि जून में नहीं जुलाई में गंगा बढ़ रही है।

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