पिछली सरकारों ने बुन्देखण्ड की सम्पदा का सिर्फ दोहन किया : मुख्यमंत्री योगी

 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को जनपद जालौन में बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे के यमुना नदी पर बन रहे पुल के निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया और समीक्षा बैठक कर अफसरों को निर्देश दिए। सात जनपदों से होकर गुजरने वाले 296 किलोमीटर लम्बे बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य तीव्र गति से हो रहा है। जालौन के कुठौंध ब्लॉक के लाड़पुर गांव में बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे का निरीक्षण करने के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा है कि सरकार की नेक नीति और दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ काम करने का जज्बा हो तो विकास का काम तेज़ी से आगे बढ़ सकता है। हम इस एक्सप्रेसवे का लगभग 50 फीसदी काम पूरा कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि बीहड़ में जहां लोग आने से डरते थे, वहां आज हालात बदल रहे हैं और हम सब मिलकर विकास को आगे बढ़ाएंगे। पिछली सरकारों ने बुन्देखण्ड की सम्पदा का सिर्फ दोहन किया मुख्यमंत्री ने कहा कि बुन्देलखण्ड के विकास के लिए पिछली सरकारों की कभी सोच ही नहीं रही, सिर्फ यहां की सम्पदा का दोहन किया गया। उन्होंने अपने बुन्देलखण्ड दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि वह जब भी यहां आए तो क्षेत्र की बदहाली देखने को मिली। इसे दूर करने के मकसद से प्रदेश सरकार ने अच्छी कार्ययोजना की शुरुआत कराई। आज बुन्देलखण्ड के विकास का सपना साकार हो रहा है और बेहतर से बेहतर तकनीकी का प्रयास किया गया है। बुन्देलखण्ड में विकास के साथ रोजगार का सृजन होगा उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के सहयोग से बुन्देलखण्ड में हर महत्वपूर्ण योजना पर काम किया जा रहा है। यहां की जनता ने भी भरपूर सहयोग किया है। अब यहां विकास के साथ ही रोजगार का सृजन होगा और औद्योगिक विकास को बढ़ाया जायेगा। लोक कल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर लाया जाएगा। इस मौके पर अधिकारियों ने प्रोजेक्टर पर एक्सप्रेस-वे के नक्शे के माध्यम से मुख्यमंत्री को परियोजना की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने परियोजना से जुड़े कार्यों में तेजी लाने को कहा। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस से जुड़ेंगे सात जनपद प्रदेश सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट 296.070 किलोमीटर के इस एक्सप्रेस वे को लेकर तेजी से काम चल रहा है। परियोजना में पड़ने वाली यमुना और बेतवा नदी पर पुलों का तीव्र गति से निर्माण चल रहा है। इससे प्रदेश के सात जनपद सीधे तौर पर जुड़ेंगे। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे 04 लेन चौड़ा (6 लेन में विस्तारणीय) तथा संरचनाएं 06 लेन चौड़ाई की बनायी जायेंगी। एक्सप्रेसवे के एक ओर 3.75 मीटर चौड़ाई की सर्विस रोड स्टैगर्ड रूप में बनाई जायेगी, जिससे परियोजना के आस-पास के गांव के निवासियों को एक्सप्रेसवे पर सुगम आवागमन की सुविधा उपलब्ध हो सके। यह एक्सप्रेस वे बुन्देलखण्ड में आर्थिक क्रान्ति लाने में भी बेहद महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। बुन्देलखण्ड के विकास के लिए एक्सप्रेसवे बनेगा रीढ़ की हड्डी बुन्देलखण्ड के विकास के लिए एक्सप्रेस वे रीढ़ की हड्डी जैसा साबित होगा। प्रदेश के लिए घोषित डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की स्थापना भी इसी एक्सप्रेस-वे के दोनों किनारों पर होनी है। इसके लिए जिन 6 नोड्स को चिह्नित किया गया है, उनमें दो नोड्स बुन्देलखण्ड के चित्रकूट और झांसी हैं। 15 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह एक्सप्रेस-वे बुन्देलखण्ड की तकदीर को बदल कर रख देगा। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे बुन्देलखण्ड में पर्यटन व आर्थिक विकास के दृष्टिकोण से अहम है। इस बीच प्रदेश सरकार ने बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे परियोजना के सिविल निर्माण कार्य के लिए विभागीय बचतों से पुनर्विनियोंग के माध्यम से 200 करोड़ रुपये भी स्वीकृत कर दिए हैं। इस सम्बन्ध में औद्योगिक विकास विभाग ने शासनादेश जारी किया है। इस धनराशि से बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे परियोजना में पड़ने वाले एचटी टाॅवर तथा लाइनों की शिफ्टिंग के लिए पावर ग्रिड काॅरपोरेशन ऑफ इण्डिया लिमिटेड को भुगतान किया जायेगा।

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