एआई से उत्पन्न जोखिमों और खतरों का समाधान सामूहिक वैश्विक प्रयासों से मुमकिन

नई दिल्ली । केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कहा कि दुनिया के सभी देश और समाज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से उत्पन्न नए खतरों तथा जोखिमों को लेकर जागरूक हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी चुनौतियों का प्रभावी समाधान केवल सामूहिक वैश्विक प्रयासों से ही मुमकिन है।

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने यहां ‘ग्लोबल इंडिया एआई शिखर सम्मेलन’ 2024 का उद्घाटन करने के बाद यह बात कही। वैष्णव ने अपने संबोधन में कहा कि एआई मिशन में भारत का दृष्टिकोण प्रौद्योगिकी का लोकतंत्रीकरण करना होगा। उन्होंने कहा कि बदलाव और सामाज कल्याण के लिए एआई की क्षमता स्पष्ट है। दुनियाभर के देश इस नई प्रौद्योगिकी से होने वाले खतरों तथा जोखिमों को भी पहचानते हैं। इस अवसर पर केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद भी मौजूद रहे।

वैष्णव ने आगे कहा कि भारत का मानना है कि एआई उसकी कई आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक शक्तिशाली उपकरण हो सकता है। हालांकि, एआई से जुड़े जोखिमों को कम करने की भी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पिछला साल एआई की यात्रा में महत्वपूर्ण रहा है, जिसमें इसकी क्षमता विभिन्न क्षेत्रों में स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है। इस बात को लेकर बहुत उत्साह है कि कैसे एआई हमारे जीने, व्यवसाय करने और हमारे समाज की संरचना को महत्वपूर्ण रूप से बदल सकता है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा कि ‘इंडिया एआई मिशन’ को इस वर्ष के शुरुआत में ही मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी, उसे अगले दो से तीन महीने में पेश किया जाएगा।

गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस वर्ष मार्च में ‘इंडिया एआई मिशन’ के लिए 10,300 करोड़ रुपये से अधिक के आवंटन को अपनी मंजूरी दी थी। यह भारत के एआई परिवेश को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। राजधानी नई दिल्ली में दो दिवसीय ‘ग्लोबल इंडिया एआई शिखर सम्मेलन’ 2024 का आयोजन 3-4 जुलाई को किया गया है।

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