हाथरस। उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में मंगलवार को सिकंदराराऊ कोतवाली क्षेत्र स्थित रतिभानपुर में सत्संग के बाद मची भगदड़ में अबतक 80 से अधिक लोगों की जान चली गई है। हादसे में एटा जिला अस्पताल में 27 औरि सीएचसी सिकंदराराऊ में 50-60 लोगों के शव लाए गए हैं। जिलाधिकारी आशीष कुमार ने कहा कि हादसे में 50 से 60 लोगों की मौत हुई है। उन्होंने बताया कि घटना की जांच के लिए कमेटी बनाई गई है। घटना को लेकर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने दुख जताया है।
जिलाधिकारी ने बताया कि सिकंदराराऊ कोतवाली क्षेत्र के मुगलगढ़ी एक गांव में सत्संग के बाद जब लोग बाहर निकलने लगे तो भगदड़ मच गई। हादसे में घायलों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। मीडिया कर्मियों ने जब पूछा कि एटा में 27 लोगों के शव लाए गये हैं तो हादसे में कितने लोगों की जान गई है। जिलाधिकारी ने कहा कि यहां की सीएचसी के डॉक्टरों ने मुझे 50-60 लोगों की मौत का आंकड़ा बताया है।
उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति एसडीएम ने दी थी और यह एक निजी आयोजन था। मामले की जांच के लिए उच्चस्तरीय कमेटी बनाई गई है। प्रशासन की प्राथमिकता घायलों और मृतकों के परिजनों को हरसंभव मदद मुहैया कराना है।
इस हादसे को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि `उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में हुई दुर्घटना में महिलाओं और बच्चों सहित अनेक श्रद्धालुओं की मृत्यु का समाचार हृदय विदारक है। मैं अपने परिवारजनों को खोने वाले लोगों के प्रति गहन शोक संवेदना व्यक्त करती हूं तथा घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं।’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा में सदन की कार्यवाही के दौरान हाथरस हादसे में मृतकों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि `मैं भरोसा देता हूं कि पीड़ितों की हरसंभव सहायता की जाएगी।’
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