जीएसटी परिषदः रेल सुविधाओं पर छूट, दूध के डिब्बों पर एक समान 12 प्रतिशत जीएसटी

नई दिल्ली। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में शनिवार को वस्तु एवं सेवा कर परिषद की बैठक हुई। 53वीं जीएसटी परिषद की बैठक में व्यापार सुविधा, अनुपालन बोझ को कम करने और अनुपालन को आसान बनाने के मामले में करदाताओं को राहत देने पर कई निर्णय लिए गए हैं। बैठक में कुछ सेवाओं पर जीएसटी छूट दी गई है और कुछ समानों पर जीएसटी की एक समान दर तय की गई है। इसके अलावा आधार प्रमाणीकरण को रोल आउट किया जाएगा, जिससे फर्जी कंपनी और धोखाधड़ी वाले इनपुट टैक्स क्रेडिट दावों से निपटा जा सकेगा। ऑनलाइन गेमिंग जीएसटी परिषद के एजेंडे में नहीं रहा। रियल-मनी गेमिंग पर पिछले साल अक्टूबर में 28 प्रतिशत जीएसटी लगाया गया था। ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां 28 प्रतिशत कर व्यवस्था की समीक्षा का इंतजार कर रही हैं। सभी दूध के डिब्बों अर्थात् स्टील, लोहा, एल्युमीनियम पर 12 प्रतिशत की एक समान दर निर्धारित करने की सिफारिश की गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैठक के बाद पत्रकार वार्ता कर फैसलों और चर्चा की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इन्हें दूध का डिब्बा कहा जाता है लेकिन जहां भी इनका उपयोग किया जाएगा वही दर लागू होगी ताकि इससे कोई विवाद न हो। परिषद ने सभी कार्टन बक्सों और नालीदार तथा गैर-नालीदार कागज या पेपर बोर्ड दोनों के मामलों पर 12 प्रतिशत की एक समान जीएसटी दर निर्धारित करने की भी सिफारिश की। इससे विशेष रूप से हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर के सेब उत्पादकों को मदद मिलेगी। जीएसटी परिषद ने सभी सोलर कुकर पर 12 प्रतिशत जीएसटी दर की सिफारिश की है चाहे उसमें एकल या दोहरा ऊर्जा स्रोत हो। जीएसटी परिषद ने शैक्षणिक संस्थानों के बाहर छात्रावास आवास के माध्यम से प्रति व्यक्ति 20,000 रुपये तक की सेवाओं को छूट दी है। शर्त है कि इन आवास में कम से कम 90 दिन की रिहाइश हो। भारतीय रेलवे द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाएं जैसे प्लेटफ़ॉर्म टिकट को जीएसटी से छूट दी गई है। इसमें प्लेटफॉर्म टिकटों की बिक्री, रिटायरिंग रूम की सुविधा, वेटिंग रूम, क्लॉकरूम सेवाएं, बैटरी चालित कार सेवा शामिल है। इसके अलावा इंट्रा-रेलवे आपूर्ति को भी छूट दी जाएगी। एक प्रश्न के उत्तर में वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार चाहती है कि पेट्रोल और डीजल जीएसटी के दायरे में आयें। यह अब राज्यों पर है कि वे इस बारे में मिलकर निर्णय लें। वित्त मंत्री ने बताया कि छोटे करदाताओं की मदद के लिए परिषद ने जीएसटीआर 4 फॉर्म में विवरण और रिटर्न भरने की समय सीमा 30 अप्रैल से बढ़ाकर 30 जून किए जाने की सिफारिश की है। यह वित्तीय वर्ष 2024-25 के बाद के रिटर्न पर लागू होगा। परिषद ने जीएसटी अधिनियम की धारा 73 के तहत जारी किए गए मांग नोटिसों के लिए ब्याज और जुर्माने को माफ करने की सिफारिश की है। इसमें धोखाधड़ी, दमन या गलत विवरण से जुड़े मामले शामिल नहीं हैं। वित्त वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के लिए धारा 73 के तहत जारी किए गए सभी नोटिसों के लिए परिषद ने ब्याज और जुर्माना माफ करने की सिफारिश की है। मंत्री ने बताया कि सीजीएसटी अधिनियम की धारा 16(4) के तहत वित्तीय वर्ष 17-18, 18-19, 19-20 और 20-21 के लिए 30-11-2021 तक दायर किसी भी चालान या डेबिट नोट के संबंध में इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाने की समय सीमा को 2011 से 2021 माना जा सकता है। 01 जुलाई 2017 से पूर्वव्यापी प्रभाव से उसी अपेक्षित संशोधन के लिए परिषद ने एक सिफारिश की है। वित्त मंत्री ने जानकारी दी कि अखिल भारतीय आधार पर बायोमेट्रिक-आधारित आधार प्रमाणीकरण शुरू होने जा रहा है। इससे हमें मामलों में फर्जी चालान के माध्यम से किए गए धोखाधड़ी वाले इनपुट टैक्स क्रेडिट दावों से निपटने में मदद मिलेगी। सरकारी मुकदमेबाजी को कम करने के लिए परिषद ने विभाग द्वारा अपील दायर करने के लिए जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण के लिए 20 लाख रुपये, उच्च न्यायालय के लिए 01 करोड़ रुपये और उच्चतम न्यायालय के लिए 02 करोड़ रुपये की मौद्रिक सीमा की सिफारिश की है। परिषद ने यह भी सिफारिश की है कि अपीलीय प्राधिकारी के समक्ष अपील दायर करने के लिए पूर्व-जमा की अधिकतम राशि 25 करोड़ रुपये सीजीएसटी और एसजीएसटी से घटाकर 20 करोड़ रुपये कर दी जाएगी। सीतारमण ने बताया कि बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को दर युक्तिकरण के जीओएम का अध्यक्ष बनाया गया है। अगली बैठक में सम्राट चौधरी रेट रेशनलाइजेशन के लिए किये गये काम पर यथास्थिति रिपोर्ट सौंपेंगे। इसके बाद हम स्टार्ट रेट रेशनलाइजेशन पर काम शुरू करेंगे।

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